पीएम आवास में गड़बड़ी : गरीबों के करोड़ों रुपए दबाने वाले 6 अफसरों समेत 27 को नोटिस

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, ग्रामीण के अलग-अलग घटकों के क्रियान्वयन में गड़बड़ी की शिकायतों को लेकर हरिभूमि द्वारा प्रकाशित खबरों का बड़ा असर हुआ है। पीएम आ वास शहरी में ये  गंभीर बात सामने आई है कि गरीब हितग्राहियों को किस्तों में भुगतान के लिए मिले करोड़ों रुपए निकायों के छह अफसरों ने दबा रखे थे। इसी तरह करीब 21 कर्मियों ने हितग्राहियों के आवेदन के सत्यापन में लापरवाही की। इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए तीन दिनों में जवाब मांगा गया है।

पीएम आवास योजना शहरी के तहत हितग्राही द्वारा स्वयं आवास निर्माण (बीएलसी) घटक के तहत किया जाता है। इस योजना के तहत हितग्राहियों को मकान बनाने के लिए किस्तों में राशि दी जाती है। राज्य शहरी विकास अभिकरण (सूडा) ने निकायों को उनकी मांग के अनुरूप किस्त की राशि जारी करने के लिए महीनों पर राशि जारी की। यानी राशि की अपर सीमा निकाय को जारी की। यह राशि हितग्राहियों को समय पर दी जानी थी, लेकिन निकायों के अधिकारियों ने इस राशि का उपयोग नहीं किया यानी दबाए रखा। जब योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई, तो ये पूरी गड़बड़ी खुलकर सामने आई।

हितग्राहियों के आवेदनों का सत्यापन नहीं- नोटिस

एक तरफ हितग्राहियों के हिस्से की राशि उन्हें समय पर अदा न करने के मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, वहीं इस योजना से जुड़े आवास प्रेरकों की भी गंभीर लापरवाही के मामले भी सामने आए हैं। नगर निगम बिलासपुर के आवास प्रेरक, मयंक वर्मा, अनिल विश्वकर्मा, कुलदीप जायसवाल, नितिन खोबरागढ़े, रविंद्र सुनहरे, विरेंद्र स्वर्णकार ने योजना के तहत 558 आवेदकों का सत्यापन ही नहीं किया। यही लापरवाही नगर पालिक निगम के प्रेरकों ने भी की। उन्होंने 777 आवेदकों के आवेदनों का सत्यापन नहीं किया। इस मामले में अनिकेत गिरी गोस्वामी, उत्कर्ष पांडेय, जगदंबा त्रिवेदी को कारण बताओ नोटिस दिए गए हैं। 

इन अफसरों ने दबाए रखे करोड़ों रुपए 

इस मामले में जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें अमरेश सिंह सीएमओ सह नोडल अधिकारी व डीआर कुरें सहायक नोडल अधिकारी संजय राठौर आवास प्रेरक नगर पालिका परिषद तखतपुर का नाम है। इस निकाय में हितग्राहियों को किस्त की राशि देने के लिए 2 करोड़ 50 लाख 70 हजार रुपए 20 मार्च को जारी किए गए थे, लेकिन अधिकारी ने यह राशि नहीं बांटी, रकम का उपयोग नहीं किया। इसी क्रम में पूजा पिल्ले मुख्य नगर पालिका अधिकारी सह नोडल अधिकारी नगर पालिका परिषद मंदिर हसौद और इसी निकाय के सहायक नोडल अधिकारी थानेश्वर वर्मा और देवर्षि तिवारी का नाम भी है। इनके निकाय को जनवरी में 80 लाख रुपए दिए गए थे, इसमें से 51 लाख 32 हजार से अधिक का राशि का उपयोग नहीं किया गया।

समीक्षा बैठक से गायब रहे तो मिला नोटिस 

पीएम आवास योजना शहरी के कामकाज की समीक्षा 25 अप्रैल को सूडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सह मिशन संचालक प्रधानमंत्री आ वास योजना (शहरी) द्वारा रखी गई थी। यह बैठक ऑनलाइन माध्यम से होनी थी, लेकिन इसमें नगर पालिका निगम रायपुर के छह आ वास प्रेरक शामिल नहीं हुए। इस मामले में गजेंद्र गायकवाड़, डॉ. संगीता ठाकुर, हर्षा सोनवानी, अदिती साहू और आशीष शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी हुए हैं। माना गया है कि इन लोगों की भूमिका योजना के कार्यों को गंभीरता से नहीं लेने कार्य के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही का प्रतीक है। इन सभी से 3 दिनों में नोटिस का जवाब मांगा गया है।

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