रायपुर। बीएड सहायक शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करते हुए उन्हें लैब टेक्नीशियन के रूप में समायोजित करने के राज्य सरकार के फैसले का स्वागत किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक निर्णय पर शिक्षकों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर उनका आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर शिक्षकों ने खुशी जाहिर की और सरकार के इस निर्णय की सराहना की। मुलाकात के बाद सीएम साय ने सोशल मीडिया मंच X पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि, शिक्षकों के चेहरे पर मुस्कान देखकर आत्मिक संतोष की प्राप्ति हुई है। समायोजन के निर्णय से सभी प्रसन्न हैं।

सीएम साय का युवा शिक्षकों से आत्मीय संवाद
मुख्यमंत्री साय ने आगे कहा कि, युवा शिक्षकों से आत्मीय संवाद हुआ और उनसे आग्रह किया गया कि, वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करें। सरकार के इस फैसले को शिक्षा जगत में सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो न केवल शिक्षकों को सम्मान और स्थायित्व देगा, बल्कि राज्य के शिक्षा स्तर को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा।
बर्खास्त बीएड डिग्रीधारी ‘सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला’ बनेंगे
वहीं छत्तीसगढ़ में 30 अप्रैल को विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक में बर्खास्त बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों के हित में सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने हरिभूमि डाट काम को बताया कि, सरकार ने बर्खास्त 2621 बीएड डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों के हित में बड़ा फैसला लिया है। उनका सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के पद पर समायोजन किया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक समाप्त होने के बाद डिप्टी सीएम अरुण साव लिए गए निर्णयों की जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि, 2621 बर्खास्त बीएड सहायक शिक्षकों की बहाली होगी। श्री साव ने बताया कि, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया गया है। सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के पद पर इनका समायोजन होगा।
इसके अलावा श्री साव ने बताया कि, राज्य में तकनीकी शिक्षकों को सशक्त बनाने निर्णय लिया गया है। नवा रायपुर में स्टेट ऑफ आर्ट ‘निलिट’ की स्थापना होगी। NIELIT को नवा रायपुर में 10.23 एकड़ भूमि निशुल्क दी जाएगी कृषक उन्नत योजना के तहत किसानों के हित में भी निर्णय लिया गया है। किसानों को आदान सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया है। खरीफ मौसम में सहकारी समिति और बीज निगम से खरीदी करने वाले किसानों को फायदा होगा। नक्सल क्षेत्रों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की भी पहल की गई है। इसके लिए बस संचालकों को दी जाएगी विशेष रियायत। मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना शुरू की जाएगी।