छत्तीसगढ़ के सिहावा विधानसभा की पूर्व विधायक डॉ. लक्ष्मी ध्रुव ने आज नगरी में आयोजित एक प्रेस वार्ता में न्यायालय से मिले दोषमुक्ति आदेश के बाद अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि, यह न सिर्फ न्याय पालिका की निष्पक्षता की जीत है, बल्कि उनके जीवन के उस कठिन दौर का अंत है, जिसे झूठे आरोपों और राजनीतिक षड्यंत्र के तहत जबरन खड़ा किया गया था।
वर्ष 2022 में 23 लाख 25 हजार रुपये की ठगी के गंभीर आरोप लगाते हुए एक परिवाद न्यायालय में दाखिल किया गया था। परिवादिनी पूर्णिमा ठाकुर ने यह मामला दुर्ग न्यायालय में प्रस्तुत किया था, जिसमें डॉ. लक्ष्मी ध्रुव पर गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी की चेयरपर्सन रहते हुए, उक्त राशि का भुगतान न करने का आरोप लगाया था। यह आरोप तब और सनसनीखेज बन गया जब यह प्रकरण उनकी विधायक कार्यकाल के दौरान सार्वजनिक हुआ।
यह मेरे जीवन का सबसे कठिन और अपमानजनक समय था
डॉ. ध्रुव ने प्रेस वार्ता में कहा, यह मेरे जीवन का सबसे कठिन और अपमानजनक समय था। मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि मेरे जीवन की सच्चाई को राजनीतिक साजिश के घेरे में लाकर इस तरह कलंकित करने की कोशिश होगी। वे भावुक हो उठीं और कहा कि, उन्हें बार-बार यह समझाया गया कि, सत्य की राह कठिन होती है, लेकिन आज जब न्यायालय ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 420 से दोषमुक्त करार दिया है, तो यह केवल एक कानूनी निर्णय नहीं, बल्कि उनकी मान-सम्मान की पुनः स्थापना है। न्यायालय ने 26 अप्रैल 2025 को दिए अपने निर्णय में कहा कि, परिवादिनी अपने आरोपों के पक्ष में कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकी। यह भी स्पष्ट हुआ कि, संबंधित राशि का भुगतान चेक के माध्यम से किया गया था, जिसे रिकॉर्ड में प्रमाणित किया गया। न्यायालय ने माना कि, ठगी जैसी कोई मंशा या कार्य सिद्ध नहीं होता और इसलिए डॉ. लक्ष्मी ध्रुव को दोषमुक्त किया जाता है।
यह चरित्र हनन का प्रयास था : डॉ. लक्ष्मी ध्रुव
प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों ने जब यह जानना चाहा कि, क्या यह प्रकरण उनकी छवि खराब करने की साजिश थी, तो उन्होंने कहा, हां, यह पूरी तरह से राजनीतिक चरित्र हनन का प्रयास था। जब मैं विधायक बनी, तभी कुछ लोगों ने यह तय कर लिया था कि मुझे कमजोर करना है। मैंने हमेशा ईमानदारी से जनसेवा की, लेकिन मेरे खिलाफ षड्यंत्र रचने वालों ने झूठ का सहारा लिया। आज सत्य ने उन्हें जवाब दे दिया है।

जनता के बीच सक्रिय रहूंगी : लक्ष्मी ध्रुव
राजनीतिक भविष्य को लेकर पूछे गए सवाल पर डॉ. ध्रुव ने स्पष्ट किया कि, वे पहले की तरह ही जनता के बीच सक्रिय रहेंगी। मैं कोई प्रतिशोध की राजनीति नहीं करूंगी, लेकिन अगर दोबारा मेरी छवि को ठेस पहुंचाने की कोशिश होती है, तो मैं कानूनी रास्ता जरूर अपनाऊंगी। प्रेस वार्ता के अंत में उन्होंने न्यायपालिका का आभार व्यक्त करते हुए कहा, “यह न्याय प्रणाली पर मेरे विश्वास की जीत है। मैं अपने क्षेत्र, अपने मतदाताओं और उन सभी लोगों की आभारी हूं जिन्होंने इन कठिन परिस्थितियों में भी मुझ पर भरोसा बनाए रखा।
इन नेताओं कार्यकर्ताओं की रही मौजूदगी
प्रेस वार्ता के दौरान उपस्थित सिहावा विधानसभा और नगरी क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं नगरी ब्लाक अध्यक्ष भूषण साहू, बेलर ब्लॉक अध्यक्ष कैलाश प्रजापति, मगरलोड ब्लाक अध्यक्ष अखिलेश दुबे, रामभरोस साहू, पेमन साहू, भानेन्द्र ठाकुर, महेंद्र धेनु सेवक, राजेंद्र ठाकुर, एलएल धुव, जोन अध्यक्ष अख़्तर खान ने इस निर्णय को सत्य की विजय बताया और डॉ. ध्रुव को शुभकामनाएं दीं। जनता के बीच एक बार फिर उनके लिए सकारात्मक माहौल बनता दिख रहा है।
क्या था पूरा मामला
डॉ. ध्रुव सिहावा विधायक बनने से पहले गर्व इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी की चेयरपर्सन थीं, उस समय की एक लेन-देन को लेकर उनके विरुद्ध श्रीमती पूर्णिमा ठाकुर द्वारा दुर्ग न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत किया गया। आरोप था कि डॉ. ध्रुव ने बिना उचित भुगतान किए 23 लाख 25 हजार रुपये की राशि चेक के माध्यम से लेने के बाद उसे ठग लिया। प्रकरण क्रमांक 623/2022 के तहत दर्ज यह मामला बिना उनकी सुनवाई और अनुपस्थिति में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा धारा 420 (भारतीय दंड संहिता – ठगी) के अंतर्गत दर्ज किया गया। आरोपों के अनुसार, डॉ. ध्रुव पर एक संस्थागत समझौते के तहत यह राशि लेकर भुगतान न करने का आरोप था।