गोपी कश्यप – नगरी। छत्तीसगढ़ के नगरी में बढ़ती गर्मी और सूखते तालाबों की समस्या को देखते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष बलजीत छाबड़ा, उपाध्यक्ष विकास बोहरा तथा समस्त पार्षदों के संयुक्त प्रयास से गुढ़ियारी तालाब में लगभग 20 वर्षों बाद पहली बार इरिगेशन विभाग की नहर-नाली से पानी पहुंचा है।
मालूम हो कि, गर्मियों में तालाबों का जलस्तर घटने से नगरवासियों को ‘मौत मिट्टी’, ‘तीज’, ‘नहावन’ जैसे परंपरागत आयोजनों में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इस गंभीर स्थिति को संज्ञान में लेते हुए नगर पंचायत की टीम ने तत्परता दिखाई और इरिगेशन विभाग से संपर्क कर तालाबों में जल आपूर्ति की मांग की। विभाग द्वारा सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए सोढूंर जलाशय से गुढ़ियारी तालाब और दरियारा तालाब में जल प्रवाह के लिए अनुमति प्रदान की गई है। किंतु बीते दो दशकों से इन नालियों की स्थिति बेहद खराब थी। कहीं अतिक्रमण, कहीं दलदल, तो कहीं मिट्टी भराव के कारण जल प्रवाह असंभव हो गया था।
नगर पंचायत का प्रयास
नगर पंचायत की टीम ने अथक प्रयासों से इन अवरुद्ध नालियों को फिर से चालू किया, जिससे अब निरंतर गुढ़ियारी तालाब में पानी भर रहा है। यह सफलता न केवल पारंपरिक पर्वों के आयोजन को आसान बनाएगी, बल्कि बारिश के दिनों में जलजमाव की समस्या से भी निजात दिलाएगी। अब वही नालियां, जो वर्षों से जाम पड़ी थीं, नगर की जल निकासी व्यवस्था को बेहतर बनाएंगी।
जल आपूर्ति की योजना
इस सराहनीय कार्य में पार्षदगण असकरण पटेल, अश्विनी निषाद, राजा पवार, देवचरण ध्रुव और शंकरदेव की विशेष निगरानी और योगदान उल्लेखनीय रहा। नगरवासियों ने भी इस कार्य को सराहा है और नगर पंचायत की सक्रिय कार्यशैली की प्रशंसा की है। नगर पंचायत अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष ने बताया कि, भविष्य में नगर के अन्य तालाबों में भी इसी प्रकार जल आपूर्ति की योजना बनाई जा रही है, जिससे गर्मियों में नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।