छत्तीसगढ़ पुलिस में लापरवाही : निरीक्षकों की डीपीसी प्रक्रिया लटकी पड़ी है दो साल से, सदस्य तय नहीं कर पा रहा विभाग

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छत्तीसगढ़ में पुलिस निरीक्षकों की पदोन्नति दो साल से अटकी पड़ी है। मई 2024 में शुरू हुई डीपीसी की प्रक्रिया साल भर होने को आया, पूरी नहीं हो पाई है। उल्लेखनीय है कि, इस डीपीसी के जरिए 1998-99–2000 बैच के निरीक्षकों की पदोन्नति होनी है। विभाग में इनकी सेवा को 26- 27 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन इन्हें अब तक केवल एक बार ही पदोन्नति का लाभ मिल पाया है।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 1998-99–2000 बैच के निरीक्षकों को निरीक्षक बने लगभग 18 साल हो गए। इनकी सेवा अवधि भी 26- 27 साल की हो गई है, लेकिन इन्हें इस सेवाअवधि के दौरान मात्र एक पदोन्नति मिली है। सूत्रों के मुताबिक, शासन द्वारा 38 पद सांख्येतर स्वीकृत बजट में भी किया गया है, परन्तु संबंधित विभाग और संबंधित मंत्रालय की उदासीनता की वजह से अभी तक निरीक्षकों की डीपीसी नहीं हो पाई है। हालांकि पीएससी की ओर से दो बार डीपीसी की डेट तय कर दी गई थीं। लेकिन इसी बीच कमेटी के दो सदस्य सेवानिवृत्त हो गए। अब विभाग उनकी जगह नए सदस्य तय नहीं कर पा रहा है। डीपीसी में विलंब होने का कारण सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो पाने को ही माना जा रहा है। 

हाईकोर्ट का है निर्देश, हर वर्ष हो पदोन्नति

गौरतलब है कि, वर्ष 2024 में पद रिक्त होने के बाद भी निरीक्षक से डीएसपी पद पर पदोन्नति नहीं हो सकी है। जबकि हाइकोर्ट के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष पदोन्नति किया जाना अनिवार्य है। पिछली बार पदोन्नति 2023 में हुई थी। इस प्रक्रिया को पूरी हुए दो साल बीत गए हैं। पता चला है कि, पिछले वर्ष मई में ही निरीक्षकों को पदोन्नति देने के लिए डीपीसी की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन वही प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है।

मंत्रालयीन अफसरों का रवैया आ रहा आड़े

विभागीय सूत्र निरीक्षकों की डीपीसी में विलंब का कारण मंत्रालय के अधिकारियों के मनमाने रवैए को बता रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ नायब तहसीलदार से तहसीलदार की पदोन्नति की डीपीसी 28 अप्रैल को हो गई है।

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