गबन : बैंक के पर्सनल अकाउंट से पैसे डालते रहे अपने खाते में , 6 बर्खास्त, 3 पदावनत, 15 की वेतनवृद्धि रोकी

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रायपुर। जिला सहकार केंद्रीय बैंक में हुए करोड़ों के घोटाले के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए 6 अधिकारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। संलिप्त 3 कर्मचारियों को पदावनत किया गया है। इसके अलावा अन्य 15 कर्मचारियों की वेतनवृद्धि रोकते हुए वसूली करने आदेश जारी किया गया है। यह घोटाला वर्ष 2016 से 2022 के मध्य हुआ। बैंक में कार्यरत कर्मचारियों ने ही घोटाला करते हुए बैंक के लगभग 7 करोड़ रुपए गबन कर लिए। 6 सालों तक यह घोटाला चलता रहा। शुरुआती कुछ वर्षों में यह घोटाला सामने नहीं आ सका, लेकिन बाद में ऑडिट के दौरान गड़बड़ी मिलने पर जांच प्रारंभ की गई। इसके बाद बैंक कर्मचारियों का गबन सामने आया। 

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर के स्टाफ उप समिति की बैठक 30 अप्रैल को आयोजित की गई थी। जिसके बाद बैंक के प्राधिकृत अधिकारी आईएएस कुलदीप शर्मा ने उक्त कार्रवाई की है। उक्त सभी प्रकरणों में संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह मामला कुछ समय से लंबित था। जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि सहकारी बैंक में किसानों के पैसे जमा रहते हैं। अर्थात इसे किसानों के लेन-देन के लिए बनाया गया है। 

ऐसे हुआ घोटाला 

प्रत्येक बैंक में वहां के खाताधारकों का अकाउंट होता है। इन खाताधारक आम नागरिकों के अलावा बैंक का भी अपना पर्सनल अकाउंट होता है। इन खातों में प्रत्येक बैंक में कुछ राशि जमा रहती है। इस राशि का उपयोग बैंकिंग संबंधित कार्य जैसे-लोन देना या अन्य कार्यों में किया जाता है। चूंकि बैंक का संचालन इन आरोपियों के हाथ में ही था, इसलिए उन्हें बैंक के इन पर्सनल अकाउंट का पासवर्ड पता था। इसका प्रयोग करते हुए उन्होंने बैंक के पर्सनल अकाउंट से पैसे अपने अकाउंट में डाले। 6 सालों में धीरे-धीरे करके तीन ब्रांच से 7 करोड़ की राशि आरोपियों ने अपने खाते में डाली। कुछ आरोपियों ने अपने रिश्तेदारों के खाते में भी पैसे डाले। शुरुआत में राशि अधिक नहीं होने के कारण आरोपी पकड़ में नहीं आए। बाद के वर्षों में बैंक के ऑडिट के दौरान गड़बड़ी सामने आई और जांच समिति बनाई गई।

प्रधान शाखा : 3.09 करोड़ का घोटाला 

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर के परिसर में स्थित प्रधान शाखा में गड़बड़ी कर 3.09 करोड़ की आर्थिक क्षति बैंक को पहुंचाई गई। इस प्रकरण में संलिप्त चंद्रशेखर डग्गर, संजय शर्मा, विजय वर्मा, घनश्याम देवांगन एवं पंकज सराफ को सेवा से बर्खास्त किया गया है। दो कर्मचारी अशोक पटेल एवं प्रकाश गवारले को पदावनत किया गया तथा शेष कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी गई है।

गंज शाखा : 1.01 करोड़ 

बैंक की रायपुर शाखा गंज एवं खोरपा से 1.01 करोड़ की धांधली हुई। इस प्रकरण में भी विजय वर्मा शामिल रहा, जिसे सेवा से बर्खास्त करने आदेश हुआ है। इसके अतिरिक्त शारदा शर्मा को पदावनत करने एवं 2 कर्मचारियों | की वार्षिक वेतनवृद्धि रोकी गई है।

बटगन-बलौदाबाजार शाखा : 3.45 करोड़ की हेरफेर 

सर्वाधिक गड़बड़ी बैंक के इस शाखा में ही हुई है। यहां 3.45 करोड़ रुपए बैंक के अकाउंट से अपने पर्सनल अकाउंट में आरोपियों ने हस्तांतरित किए। गड़बड़ी के मुख्य आरोपी सूरज साहू को सेवा से बर्खास्त करते हुए गबन की राशि वसूलने निर्देश दिए गए हैं।

अनियमितता के प्रकरणों में कार्यवाही 

सहकारी बैंक के प्राधिकृत अधिकारी कुलदीप शर्मा  ने बताया कि, सहकारी बैंकों में अनियमितता के प्रकरणों में लगातार कार्यवाही की जा रही है। बैंकों के कार्यों को पारदर्शी बनाने तथा जवाबदेही तय करने के प्रयास निरंतर जारी है। बैंक में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

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