बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में जल प्रबंधन और संरक्षण के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करने जा रही है। ‘मोर गाँव – मोर पानी’ के तहत जिले में स्थित खदानों (माइनिंग पिट्स) के जल स्रोतों की जियो टैगिंग की जा रही है, जिससे यह देश का पहला ऐसा जिला बनेगा जहाँ खदान जल स्रोतों की डिजिटल निगरानी और प्रबंधन की व्यवस्था लागू की जा रही है।
जिला कलेक्टर दीपक सोनी ने रविवार को संपर्क केंद्र में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के सभी सीमेंट संयंत्रों की टाउनशिप में रेन वाटर हार्वेस्टिंग और सोख्ता गड्ढा निर्माण के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने सभी संयंत्रों को निर्देशित किया कि वे अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) की अध्यक्षता में गठित जल उपयोगिता समिति के निर्देशों के अनुसार कार्य करें। कलेक्टर दीपक सोनी ने सभी संयंत्रों के जल स्रोतों की जियो टैगिंग कराने और प्रभावित ग्राम पंचायतों में पेयजल और निस्तारी के लिए पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए।
नहरों से पाइपलाइन जोड़कर की जा रही है जल आपूर्ति
सीमेंट संयंत्रों के यूनिट प्रमुखों ने बताया कि, ग्रामीण क्षेत्रों में टैंकरों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जा रही है। साथ ही संयंत्रों के माइनिंग पिट में संचित जल से तालाबों का वाटर रिचार्ज किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को निस्तारी जल की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। कुछ क्षेत्रों में नहरों से पाइपलाइन जोड़कर भी जल आपूर्ति की जा रही है।