रायपुर। मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा नीट में बीते कई सालों से परीक्षा केंद्र में लंबी बांह के कपड़े पहनकर आने वाले विद्यार्थियों के कपड़े काटे जाने, जूते उतारे जाने सहित कई तरह के मामले सामने आते रहे हैं। कई तरह के प्रतिबंधों से त्रस्त छात्र रविवार को हुई परीक्षा में नाइट ड्रेस में ही पहुंच गए। अधिकतर अभ्यर्थी जिसमें लड़के और लड़कियां दोनों ही शामिल थे, लोअर-टी शर्ट, पैजामा और हवाई चप्पल में परीक्षा दिलाने पहुंचे। इसके कारण राजधानी के केंद्रों में परिधान के चलते छात्रों पर किसी तरह के एक्शन की कोई घटना सामने नहीं आई। रायपुर में बनाए गए 27 परीक्षा केंद्रों में से कुछ केंद्रों में 4-5 छात्र जूते पहनकर पहुंचे थे। विवाद ना हो, इसलिए इन छात्रों ने बाहर ही जूते निकाल दिए और नंगे पैर ही परीक्षा में बैठ गए।
अभ्यर्थियों को एडमिट कार्ड और पहचान पत्र के अलावा कोई भी कागज अंदर ले जाने की अनुमति नहीं थी। एक-दो विद्यार्थी अपने अभिभावकों के फोन नंबर कागज पर लिखकर लाए थे, ताकि परीक्षा खत्म होने के बाद घर फोन कर सकें। ये गुमे नहीं, इसलिए सामने रोल नंबर वाले नोटिस बोर्ड पर ही इसे चिपका दिया गया। छात्रों ने हाथों में मौली धागा और ताबीज पहना था। कैंची पकड़कर बैठे जांचकर्ताओं ने मौली धागा काटा। ताबीज गले से नहीं निकलने पर कुछ जगह इन्हें भी काटा गया।
बीते वर्ष 51 प्रतिशत हुए थे क्वालिफाई
रायपुर में परीक्षा के लिए इस बार 27 केंद्र बनाए गए थे। इनमें केंद्रों में 9300 अभ्यर्थी शामिल हुए। छग के सभी जिलों में परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, प्रदेशभर से 45 हजार छात्रों ने यह परीक्षा दिलाई है। बीते वर्ष छत्तीसगढ़ के 43,873 छात्रों ने नीट दिलाई थी। इनमें से 22,344 ही क्वालिफाई कर सके थे। इस वर्ष बीते सत्र की तुलना में 1,200 अधिक छात्र परीक्षा में शामिल हुए।
सभी सरकारी स्कूल और कॉलेज
नीट यूजी 2024 अपने नकल प्रकरण को लेकर भी चर्चा में रहा था। इस बार अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए सभी परीक्षा केंद्र सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में ही बनाए गए थे। किसी भी प्राइवेट स्कूल या कॉलेज में इस बार केंद्र नहीं बनाया गया था। सभी केंद्रों में जैमर लगे हुए थे। इसके अलावा सीबीएसई ने सीसीटीवी कैमरे से भी निगरानी की। प्रत्येक केंद्रों में सशस्त्र बल तैनात करने पूर्व में ही आदेश जारी हो चुका था।
तीन चरणों में हुई जांच
अपने लिए निर्धारित सीट पर पहुंचने से पहले छात्रों को तीन चरणों के सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ा। मुख्य द्वार पर जांच के बाद अंदर बायोमैट्रिक्स जांच हुई। बायोमैट्रिक्स जांच के जरिए छात्रों के ऑनलाइन मौजूद आधार कार्ड से यह किया गया कि परीक्षार्थी फर्जी ना हो। तत्पश्चात कक्ष के प्रवेश द्वार पर छात्रों की जांच की गई। परीक्षा दिलाने पहुंचे विद्यार्थियों के अभिभावक परीक्षा प्रारंभ होने के आधा घंटा बाद तक केंद्र के बाहर ही रहे, ताकि किसी तरह की दिक्कत होने पर अपने बच्चों की मदद कर सकें। परीक्षा 2 से 5 बजे तक हुई। 1.30 को ही मुख्य द्वार बंद कर दिए गए थे।
बायोमैट्रिक मैच नहीं छात्र ने लगाया मानसिक प्रताड़ना का आरोप
रायपुर में बनाए गए एग्जाम सेंटर में से एक केंद्र छग महाविद्यालय में बनाया गया था। यहां परीक्षा देने पहुंचे एक छात्र के बायोमैट्रिक मैच के दौरान आई दिक्कत को लेकर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया गया है। इसे लेकर सिविल लाइन थाने में शिकायत की गई है। छात्र का कहना है कि वह परीक्षा केंद्र में दोपहर 12.30 बजे पहुंच गया था। बायोमैट्रिक मैच नहीं होने के कारण उसे लगभग एक घंटे तक पृथक कक्ष में रखा गया। बाद में परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई। विद्यार्थी का आरोप है कि परीक्षा इस दौरान बीच-बीच में जांचकर्ता आकर उससे कहते रहे कि वह फर्जीवाड़ा कर रहा है। इससे परीक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सका। सिस्टम में आई खराबी के कारण उसे प्रताड़ित होना पड़ा।