नियम विरुद्ध निकाले गए टेंडर : लोरमी में अधिकारियों की मनमानी, ऑफलाइन निविदा से दे दिए गए करोड़ों रुपए के 59 निर्माण काम

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छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में एक बार फिर नियमों को अनदेखा कर करोड़ों रुपए के टेंडर निकालने का मामला सामने आया है। लोरमी विधानसभा इलाके में 59 काम के लिए करीब 6 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई है। जहां सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए कार्यालय कृषि उपज मंडी समिति लोरमी द्वारा करोड़ों रुपए के विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 7 अप्रैल 2025 को ऑफलाइन निविदा जारी किया गया। जबकि, छत्तीसगढ़ शासन से 28 मार्च 2025 को एक आदेश जारी किया गया था।  

जिसमें कहा गया है कि विभागीय समसंख्यक आदेश 1 अप्रैल द्वारा प्रदेश के समस्त नगर पालिका निगम एवं नगर पालिका परिषदों तथा समस्त नगर पंचायत में राशि रुपए 20 लाख एवं अधिक लागत के समस्त विकास कार्यों की समस्त निविदाएं है। ई टेंडरिंग के माध्यम से किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य शासन द्वारा उक्त आदेश में संशोधन करते हुए 10 लाख रुपए एवं अधिक लागत के समस्त विकास कार्यों की समस्त निविदा ई टेंडरिंग के माध्यम से आमंत्रित करने की अनुमति प्रदान की जाती है।  

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निर्माण कार्यों की सूची

e-procurement portal में किया जायेगा प्रदर्शित 

इसके साथ ही e-procurement portal में आवश्यकता अनुसार संशोधन सुधार करते हुए मैन्युअल पद्धति से आमंत्रित समस्त निविदाओं से संबंधित अन्य जानकारी तथा निविदा क्रमांक निविदा का विवरण निविदा की तिथि न्यूनतम निविदाकार कार्यादेश को  e-procurement portal में प्रदर्शित भी किया जाए। इसके बावजूद शासन के नियम को ताक में रखते हुए लोरमी मंडी बोर्ड के सचिव कमल कांत कौशिक के द्वारा ऑफलाइन निविदा करोड़ों रुपए के 59 निर्माण कार्य के निकाल दी गई है।

10 मई को खोला जाएगा टेंडर 

जिसमें जारी निविदा के अनुसार 29 अप्रैल 2025 को शाम 5:00 तक निविदा प्रपत्र प्राप्त किए जाने के लिए इसके साथ ही निविदा प्रपत्र विक्रय की शुल्क नगद जमा कर निविदा प्रपत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि 1 अप्रैल तक बताया गया है। वहीं रजिस्टर्ड पोस्ट या स्पीड पोस्ट से कार्यालय में आवेदन प्राप्त करने की तिथि 7 मई को बताया गया है। इसके साथ ही निविदा 10 मई को खोला जाएगा, ऐसे में सवाल यह होता है। जब शासन के द्वारा पहले ही यह आदेश जारी किया गया है ऐसे में नियमों को अनदेखा कर टेंडर निकालना कई सवालों को जन्म दे रहा है।

कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग 

इधर नियम विरुद्ध जारी किए गए करोड़ों रुपए के टेंडर को लेकर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नरेश पाटले ने गलत तरीके से टेंडर जारी करने वाले अधिकारी पर कार्यवाही सहित जांच के बाद टेंडर को निरस्त करने की मांग की है। उधर सारधा कृषि उपज मंडी बोर्ड के सचिव कमल कांत कौशिक ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि ऑनलाइन टेंडर के माध्यम से 10 लाख रुपए से अधिक राशि का कार्य होना है उन्हें आदेश की कॉपी देर से 25 जुलाई को विभागीय पत्र के माध्यम से मिली है जिसके चलते यह टेंडर निकाला गया है, जो प्रक्रिया में है। सचिव ने बताया कि निविदा के लिए 89 ठेकेदारों ने निविदा के लिए आवेदन दिया गया, जिसमे कुल 59 काम के लिए 34 लोगों को विभाग से निविदा फार्म जारी किया है। उन्होने कहा उन्हें नियम के बारे में पता नही था काम स्टार्ट कर दिया गया था इसलिए इस प्रोसेस को बीच मे नही रोका गया।

10 लाख से ऊपर के कार्य के लिए ई टेंडर अनिवार्य

इधर सरकार के द्वारा भ्रष्टाचार रोकने के लिए नवीन पहल के साथ 10 लाख रुपए से अधिक के सभी कार्यों के लिए ई टेंडर अनिवार्य कर दिया गया है तो वही लोरमी विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रुपए के विभिन्न निर्माण कार्यों में नियमो को दरकिनार कर मंडी समिति के सचिव द्वारा ऑफलाइन टेंडर निकाल दिया गया है ऐसे में भ्रष्टाचार रोकने के लिए सरकार के इस नियम में पलीता लगाने का काम विभागीय अधिकारी किस तरह खुलेआम कर रहे हैं इसकी बानगी लोरमी मंडी समिति में देखा जा सकता है। बता दें ई टेंडरिंग प्रणाली के जरिए भ्रष्टाचार के मामलों में कमी सहित निविदा प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ सरकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वन और गुणवत्ता में सुधार के लिए सहायक साय सरकार का यह कदम जिससे विकास कार्यों को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में यह कदम कितना कारगर साबित होगा, इस टेंडर से अंदाजा लगाया जा सकता है।

मंडी बोर्ड ने जारी किया आदेश 

वही कार्यालय प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन मंडी बोर्ड के द्वारा भी एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें बस्तर संभाग क्षेत्र के अंतर्गत 50 लाख तक के कार्यों एवं राज्य के अन्य संभाग क्षेत्र अंतर्गत 20 लाख रुपए तक के कार्यों की निर्णय मैन्युअल पद्धति से आमंत्रित अनुमति को आंशिक संशोधन करते हुए 10 लाख तक के कार्यों को मैन्युअल निविदा के माध्यम से तथा 10 लाख से अधिक के कार्यों के समस्त निवेदन ई-टेंडरिंग के माध्यम से क्रियान्वित किए जाने के लिए निर्देश भी जारी किया गया है। इसके साथ ही कार्यालय इन आदेश क्रमांक 742 दिनांक 26 मई 2020 से जारी आदेश को संशोधित करते हुए राज्य शासन के उक्तानुसार आदेश के अनुरूप आदेशित किया जाता है की मंडी बोर्ड या मंडी समितियां के अंतर्गत कराए जाने वाले समस्त निर्माण कार्यों के लिए 10 लाख तक के कार्यों की निवेदन मैन्युअल पद्धति से तथा 10 लाख से अधिक के कार्यों के समस्त निवेदन टेंडरिंग के माध्यम से आमंत्रित किया जावे। यह आदेश जारी दिनांक से तत्काल प्रभावशील होगा। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि जब शासन द्वारा 28 मार्च को यह आदेश जारी किया गया है। तब मंडी बोर्ड द्वारा यह आदेश 11 दिन बाद निकालते हुए पालन क्यो नही किया जा रहा।

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