छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के नए मंत्रिमंडल के 15 संभावित नामों की सूची, डॉ. रमन सिंह ने सरकार गठन को लेकर किया बड़ा खुलासा…!

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छत्तीसगढ़ में 14 दिसंबर तक पूरा मंत्री मंडल बन जाएगा । 2 दिनों के अन्दर नए मुख्यमंत्री शपथ ले लेंगे. इस बारे में जानकारी देते हुए  पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह  ने मीडिया को बताया की मंत्रिमंडल 13 सदस्य का रहता है। 13 मंत्रियों से ज्यादा होने की स्थिति नहीं दिखाई दे रही।

राष्ट्रबोध की नज़र में  नए मंत्री मंडल के संभावित नामों में सबसे पहला नाम आता है  बृजमोहन अग्रवाल का  जिन्होंने  छात्र राजनीति से सियासत में एंट्री की. 1990 में पहली बार विधायक चुने गए। राज्य बनने के बाद साल 2003, 2008 और 2013 में भी अहम विभागों के मंत्री रहे हैं।

दूसरा नाम राजेश मूणत : 2003 में पहली बार विधायक चुनकर आए। 2008 और 2013 में दूसरी और तीसरी बार वे विधायक बने। रमन सरकार में 2003, 2008 और 2013 में लगातार मंत्री रहे।

अजय चंद्राकर: चंद्राकर 1998 में पहली बार विधायक चुने गए। उसके बाद 2003 में जीतकर आए। 2003 से 2008 तक मंत्री रहे।

अमर अग्रवाल : अमर अग्रवाल 1998 में पहली बार विधायक चुने गए। इसके बाद 2003, 2008 और 2013 में भी विधायक निर्वाचित हुए। 2003, 2008 और 2013 में मंत्री रहे।

पुन्नूलाल मोहले : 45 साल से राजनीति में सक्रिय पुन्नूलाल मोहले 3 बार मंत्री, 4 बार सांसद रहे। अब 7 वीं बार विधायक चुने गए हैं।

विक्रम उसेंडी : 1993 में पहली बार अविभाजित मध्यप्रदेश के बस्तर क्षेत्र की नारायणपुर सीट से विधायक बने। फिर 2003 में नारायणपुर से विधायक बने और मंत्री पद मिला था।

केदार कश्यप : 2003 में केदार कश्यप पहली बार विधायक बने। 2008 में दूसरी और 2013 में तीसरी बार विधायक चुने गए और मंत्री भी रहे।

रामविचार नेताम : 1990 में पाल विधानसभा क्षेत्र से पहली बार बीजेपी के टिकट पर विधायक बने। फिर 1993, 1998, 2003 और 2008 में 5 बार विधायक चुने गए। बीजेपी सरकार में वो राजस्व, आदिम जाति कल्याण, गृह-जेल, उच्च शिक्षा, जल संसाधन मंत्री रह चुके हैं।

विष्णुदेव साय : 1990 में पहली बार जिले के तपकरा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1999, 2004, 2009 और 2014 में 4 बार रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए।

रेणुका सिंह : 2003 में पहली बार प्रेमनगर सीट से विधायक चुनी गई थीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने सरगुजा से बीजेपी के टिकट पर जीत हासिल की है। मोदी मंत्रिमंडल में अनुसूचित जनजाति विकास राज्यमंत्री हैं।

लता उसेंडी : 2003 में पहली बार कोंडागांव सीट से विधायक बनीं। 2004 में भाजयुमो की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनीं। 2005 से 2013 तक महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।

गोमती साय : सांसद रहते विधानसभा का चुनाव लड़ा। 2005 में वो पहली बार जिला पंचायत सदस्य बनी थीं। 2015 में जशपुर जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं। 2019 के बीजेपी ने विष्णुदेव साय का टिकट काटकर रायगढ़ से लोकसभा उम्मीदवार बनाया था। गोमती साय ने जीत हासिल की थी।

अरुण साव : 2019 में पहली बार बिलासपुर लोकसभा सीट से जीतकर सांसद बने। विष्णुदेव साय को हटाए जाने के बाद चुनाव से साल भर पहले अगस्त 2022 में ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।

ओपी चौधरी : कलेक्टरी छोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले ओपी चौधरी को साल 2018 के पहले चुनाव में ही हार का सामना करना पड़ा। इस बार रायगढ़ से प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी जीत उनको मिली है।

विजय शर्मा : कांग्रेस के कद्दावर मंत्री मो. अकबर को हराया। वर्तमान में प्रदेश संगठन में महामंत्री के पद पर हैं। कवर्धा के जिला बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

मीडिया से चर्चा में डॉ रमन ने लोकसभा चुनावों को लेकर भी बात की। उन्होंने कहा कि लोकसभा जीतने के लक्ष्य से बड़ा लक्ष्य यह है कि छत्तीसगढ़ में पिछली बार से बेहतर रिजल्ट हो। यानी 11 में 11 लोकसभा सीट जीतें। इस बड़े लक्ष्य को लेकर छत्तीसगढ़ में यह नई सरकार का गठन हो रहा है। हम सबका लक्ष्य यही रहेगा इन सभी सीटों पर भाजपा विजयी हो। कार्य योजना बनाकर काम करेंगे।

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