Akash missiles: कश्मीर से लेकर राजस्थान तक पाकिस्तान के करीब कई ड्रोन सीमा पार करके आए। करीब 24 ड्रोन बाड़मेर क्षेत्र में आए, जिसे भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में नष्ट कर दिया। इन ड्रोन्स को रशिया एस-400 के साथ स्वदेशी आकाश मिसाइलों ने नष्ट किया।
जैसलमेर में ही हुआ था आकाश का परीक्षण
जैसलमेर के पोकरण स्थित चांधन फील्ड फायरिंग रेंज में 2019 में आयोजित देश के सबसे बड़े युद्धाभ्यास वायु शक्ति में आकाश मिसाइल का परीक्षण किया था। आकाश मिसाइल हवा में मौजूद किसी खतरे मसलन एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर या ड्रोन को हवा में ही खत्म कर देने के उद्देश्य से रक्षा प्रयोगशाला की ओर से विकसित की गई है। वर्ष 2022 में आकाश मिसाइल के एडवांस वर्जन आकाश नेक्स्ट जनरेशन का सफल परीक्षण किया गया था, जो हवा में उड़ रही किसी चीज को 50 से 80 किमी दूर तक मार सकती है।
गत वर्ष समर मिसाइल का परीक्षण
गत वर्ष वायुसेना और डीआरडीओ ने पहली बार आकाश मिसाइल सिस्टम के साथ समर (सरफेस टू एयर मिसाइल फॉर एश्योर्ड रिटेलीएशन) मिसाइल सिस्टम का परीक्षण किया। समर मिसाइलें 2 से 2.5 मैक की स्पीड से हवा में मौजूद 10 से 12 किलोमीटर दूर के टारगेट को निशाना बनाती है। इस प्रणाली में एक ट्विन-बुर्ज लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म शामिल है, जिसमें एक साथ दो मिसाइलें लॉन्च करने की क्षमता है। समर मिसाइल सिस्टम रूस से आयातित पुराने सिस्टम के स्थान पर भारतीय वायुसेना की मेंटेनेंस कमाण्ड ने विकसित किया है।
भारत के पास यह है एयर डिफेंस सिस्टम
एस-400 : अमरीका के विरोध के बावजूद रूस ने 2019 में भारत की इसके साथ डील की। इसकी मारक क्षमता 400 किलोमीटर तक है।
आकाश : स्वदेशी डीआरडीओ विकसित, जिसकी मारक क्षमता 25 से 40 किमी है।
बराक-8 : यह इजराइल और भारत ने संयुक्त रूप से विकसित किया है, जिसकी मारक क्षमता 70 से 80 किमी है।
स्पाइडर : यह शॉर्ट रेंज सिस्टम है, जो इजराइल का है। इसकी क्षमता 10 से 15 किमी है।
इग्ला-6 : रशिया का इग्ला-6 मेन पोर्टेबल सिस्टम है, जिसकी क्षमता 5-6 किमी है।