रायपुर। छत्तीसगढ़ में चल रहे अतिशेष धान की नीलामी का पहला चरण पूरा होने के बाद अब तक लगभग 12 लाख टन से अधिक धान का निराकरण हो गया है। अभी भी कई जिलों में बेस दर की बोली न लगने के कारण 30 जिलों के संग्रहण केंद्र में रखे 22000 स्टेक धान की नीलामी शेष है। मार्कफेड द्वारा लगातार इसकी प्रक्रिया की जा रही है। रायपुर जिले में अब तक 1400 स्टेक धान की नीलामी पूरी हो चुकी है। यहां लगभग 2000 स्टेक धान की नीलामी अभी शेष है। छत्तीसगढ़ सरकार 35 लाख मीट्रिक टन धान की खुली नीलामी कर रही है। 17 से 23 अप्रैल तक नीलामी के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया के बाद 29 अप्रैल को ऑनलाइन बोली शुरू हुई। 33 जिलों में से 30 जिलों के संग्रहण केद्रों में रखे धान की नीलामी कर विक्रय किया जा रहा है।
वर्ष 2024-25 में छत्तीसगढ़ सरकार ने 25.49 लाख किसानों से 149 लाख टन धान की खरीदी की थी। इसमें से 123 लाख टन धान को एफसीआई और नागरिक आपूर्ति निगम के जरिए कस्टम मिलिंग के लिए भेजा जा चुका है। शेष 35 लाख टन धान अब भी संग्रहण केंद्रों में रखा है। मार्कफेड ने जानकारी दी है कि यह नीलामी “जैसे हैं, वैसे की स्थिति” में की जाएगी और ई-ऑक्शन के जरिए प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पहले चरण की नीलामी पूरी होने के बाद अब तक लगभग 10 हजार स्टेक धान की बिक्री हो चुकी है। 22000 स्टेक शेष धान के लिए प्रक्रिया की जा रही है।
संग्रहण केंद्रों से हो रही नीलामी
धान के संग्रहण केंद्रों में रखे धान की मात्रा के अनुसार अलग-अलग स्टैक तैयार किए गए हैं। 1200 क्विंटल का एक स्टेक बना है। बोली लगाने वाले तीन स्टेक या उससे अधिक की बोली लगा सकते हैं। सरकार द्वारा तय किए गए बेस रेट से कम कीमत आने पर उन्हें प्राइज मैचिंग का आप्शन दिया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि अभी नीलामी का प्रथम चरण पूरा हुआ है। अब दूसरे चरण में व्यापारियों के द्वारा बोली लगाने की प्रक्रिया पूरी होगी। धान का निराकरण बारिश से पूर्व करने का प्रयास किया जा रहा है।
1400 से 1700 क्विंटल की लगी बोली, प्राइज मैचिंग आप्शन
नीलामी में व्यापारियों ने अधिकांश जिलों में 1900 से 1950 रुपए की बोली लगाई। वहीं दुर्ग और राजनांदगांव जिले के कुछ जगहों पर संग्रहण केंद्र में रखे धान के लिए 2050 से 2100 रुपए की बोली लगाई है। अधिकांश जिलों में व्यापारियों ने 1400 रुपए से लेकर 1700 रुपए तक की बोली लगाई है। उक्त नीलामी में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर से कम दर वाले एच-1 निविदाकर्ता को 5 से 6 मई तक ऑनलाईन प्लेटफार्म के माध्यम से प्राईस मैचिंग का विकल्प उपलब्ध कराया गया है। यदि किन्ही कारणों से एच-1 निविदाकार द्वारा प्राइज मैच नहीं किया गया हो तो उनको प्राइज मैचिंग के लिए पुनः अवसर प्रदान किया जा रहा है।