कवर्धा – छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले में किसानों के साथ एक बड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसने प्रदेश की कृषि व्यवस्था और सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिले में स्थापित पहले एथेनॉल प्लांट से जुड़े केफार्म टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित ‘उपज’ नामक पोटाश खाद को कृषि विभाग की लैब टेस्टिंग में अमानक पाया गया है।
कंपनी ने इस खाद में 14% पोटाश होने का दावा किया था, लेकिन जांच में केवल 1% पोटाश की मात्रा पाई गई। किसानों का आरोप है कि उन्हें खाद के नाम पर मिट्टी बेची गई, जिससे उनकी फसलें खराब हो रही हैं। ‘उपज’ नामक इस खाद की प्रति बोरी कीमत 750 रुपये वसूली गई, और करीब 20 करोड़ रुपये की अमानक खाद किसानों को बेची गई है।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग
इस घोटाले में भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना, सहकारी समितियां और निजी रिटेलर भी शामिल रहे हैं, जिनके माध्यम से यह खाद किसानों तक पहुंचाई गई। मामले के तूल पकड़ते ही कांग्रेस नेता तुकाराम चंद्रवंशी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दोषियों पर एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है, साथ ही किसानों को उचित मुआवजा देने की भी बात कही है।
NKJ बायो फ्यूल कंपनी सवालों के कटघरे में
वहीं, एथेनॉल प्लांट का संचालन कर रही NKJ बायो फ्यूल कंपनी भी सवालों के घेरे में आ गई है। भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष डोमन चंद्रवंशी ने आरोप लगाया है कि, कंपनी ने भोरमदेव शुगर फैक्ट्री को 14 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया, जिससे किसानों को उनके गन्ने का पैसा नहीं मिल सका। अब अमानक खाद की आपूर्ति ने किसानों के घाव पर नमक छिड़कने जैसा काम किया है। भारतीय किसान संघ ने 20 मई को एथेनॉल प्लांट में ताला लगाने की चेतावनी दी है और आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है।