‘ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन’ में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘टाइप 2 मधुमेह’ के खतरे को कम करने में चार या अधिक किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति से चलने से काफी ज्यादा फायदा मिलता है.
‘ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन’ में पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक ‘टाइप 2 मधुमेह’ के खतरे को कम करना है तो हर रोज चार या अधिक किलोमीटर प्रति घंटे की तेज गति से चलें. अमेरिका, जापान और ब्रिटेन के 508,121 वयस्कों को इस रिसर्च में शामिल किय गया. शोध से पता चलता है कि चलने की गति जितनी तेज़ होगी, संबंधित जोखिम उतना ही कम होगा. निष्कर्षों से पता चलता है कि 3-5 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत चलने की गति धीमी गति से चलने की तुलना में टाइप 2 मधुमेह के 15% कम जोखिम से जुड़ी थी. इसके अलावा, 4 किमी/घंटा की सीमा से ऊपर गति में प्रत्येक 1 किमी/घंटा की वृद्धि के लिए, बीमारी के विकास के जोखिम में 9% की उल्लेखनीय कमी आई.
तेज चलने के फायदे
अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता इस बात पर जोर देते हैं कि तेज चलने के लाभ शारीरिक गतिविधि की कुल मात्रा या प्रति दिन चलने में बिताए गए समय से स्वतंत्र रूप से बने रहते हैं. जोखिम में कमी के लिए पहचानी गई न्यूनतम सीमा 4 किमी/घंटा थी, जो पुरुषों के लिए 87 कदम/मिनट और महिलाओं के लिए 100 कदम/मिनट के बराबर है.
टाइप-2 डायबिटीज
टाइप 2 मधुमेह की वैश्विक व्यापकता 2045 तक 537 मिलियन से बढ़कर 783 मिलियन हो जाने का अनुमान है. ईरान में सेमनान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं का सुझाव है कि तेज चलना जैसी सरल और लागत प्रभावी शारीरिक गतिविधि को अपनाना संभव हो सकता है. बीमारी से निपटने के लिए एक सुलभ साधन के रूप में कार्य करें. उन्होंने ध्यान दिया कि यह दृष्टिकोण न केवल मधुमेह की रोकथाम में सहायता करता है बल्कि कई सामाजिक, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है.
अध्ययन टाइप 2 मधुमेह की बढ़ती महामारी को कम करने के लिए एक प्रभावी और सीधी रणनीति के रूप में तेज चलने की क्षमता को रेखांकित करता है. जो एक व्यावहारिक समाधान पेश करता है जो व्यापक स्वास्थ्य और कल्याण उद्देश्यों के साथ संरेखित होता है.
डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.