दिव्यांग कलाकारों की कला को मिला नया संबल: दिव्यांगता को नहीं बनने दी कमजोरी

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 नगरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले से नगरी ब्लाक में आने वाले ग्राम उमरगाव निवासी चन्द्रभान कुलदीप उम्र – 42 वर्ष जो जन्म से उनकी दोनों आखों में कमजोरी है। जिसे देख नही पाता, और भीषम गंधर्व उम्र 40 वर्ष जो सड़क दुर्घटना से पैर टूट गया। जिसे उनका एक पैर को इलाज के दौरान कटना पड़ा जो आज एक पैर से चलता फिरता है।

दोनों दिव्यांगों ने भीख और अपनी कला से इकठ्ठे किए पैसे
इन दोनों दिव्यांगो में कला दिखाने की जूनून है। जो आर्थिक तंगी और शारीरिक रूप सक्षम नहीं होने कारण अपनी कला और कोई वाद्ययंत्र नही ले पा रहे थे। इनको सामग्री की आवश्यकता थी। वाघयंत्र हारमोनियम और बैशाखी की जरूरत थी। जो भीख मांगकर और अपनी कला दिखाकर सामग्री के लिए पैसा इकट्ठा कर रहे थे। आपको बता दें कि, ये दोनो दिव्यांग एक पंडवानी कलाकार भी है।

समाज सेवियों द्वारा उद्धार
नगरी के एक समाज सेवी द्वारा समाज कल्याण विभाग धमतरी को पत्र के माध्यम से अवगत कराया। फिर तुरंत निराकरण करते हुए कल दोनो दिव्यागों को हारमोनियम और बैशाखी धमतरी में प्रदान किया गया। उनको दिव्यांग जन पेंशन की सुविधा भी प्रदान की गई। जिसमें लोकेश कावडिया अध्यक्ष निशक्त जन वित्त एवं विकाश निगम छत्तीसगढ, बोहरा समाज सेवी रायपुर, समाज कल्याण विभाग मति मनीषा पाडे, समाज सेवी नगरी सन्नी छाजेड़, कमलेश कश्यप (गोलु), खेमराज सत्यम भट के माध्यम से दिव्यागों के लिए उक्त सामग्री की व्यवस्था की गई। जिससे उनका जीवनयापन अच्छे से चल सके।

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