टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 2025 का इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। इनकम टैक्स विभाग ने आज यानी, मंगलवार 27 मई को इसकी जानकारी दी।
ITR फाइलिंग की प्रोसेस जून के पहले हफ्ते से शुरू हो सकती है। आमतौर पर ये 1 अप्रैल से शुरू हो जाती है, लेकिन इस साल इसमें देरी हो रही है। पिछले साल भी ये अप्रैल में शुरू हुई थी। देरी की वजह ITR फॉर्म के लिए जरूरी ऑनलाइन टूल्स उपलब्ध नहीं होना है।
सीए बोले- एक्सटेंशन से टैक्सपेयर्स को राहत मिलेगी
CA आनंद जैन ने कहा- “यह विस्तार स्वागत योग्य कदम है क्योंकि आज 27 मई 2025 को शाम 5 बजे तक टैक्स पोर्टल पर ITR दाखिल करने की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
कई मामलों में एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट यानी AIS भी ठीक से नहीं मिल रहा है। इसलिए यह एक्सटेंशन प्रोफेशनल्स और टैक्सपेयर्स दोनों को राहत देगा।”
आईटीआर फाइलिंग की देरी के कारण और प्रभाव को सवाल-जवाब में समझें…
सवाल 1: इस साल ITR फाइलिंग में देरी क्यों हो रही है?
जवाब: इस साल ITR फाइलिंग की प्रक्रिया में देरी की मुख्य वजह आईटीआर फॉर्म के लिए ऑनलाइन संबंधित सुविधाओं (e-filing utilities) का उपलब्ध न होना है।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस यानी, CBDT ने ITR-1 से ITR-7 तक सभी फॉर्म्स को नोटिफाई कर दिया है, लेकिन इनके लिए जरूरी ऑनलाइन टूल्स जैसे कि JSON, Excel, और ऑनलाइन e-filing यूटिलिटीज अभी तक पोर्टल पर मौजूद नहीं हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह देरी फॉर्म्स में किए गए बदलावों, बैकएंड टेक्नोलॉजी अपग्रेड और डेटा इंटीग्रेशन (जैसे AIS और TIS के साथ) के कारण हो सकती है।
सवाल 2: आईटीआर फाइलिंग की प्रक्रिया कब तक शुरू होगी?
जवाब: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अभी तक कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रक्रिया जून 2025 के पहले हफ्ते से शुरू हो सकती है।
रोलआउट चरणबद्ध तरीके से होगा, जिसमें पहले सरल फॉर्म्स जैसे ITR-1 और ITR-4 को शुरू किया जाएगा, उसके बाद जटिल फॉर्म्स जैसे ITR-2 और ITR-3 को।
सवाल 3: ई-फाइलिंग यूटिलिटीज क्या हैं और ये इतनी जरूरी क्यों हैं?
जवाब: e-filing यूटिलिटीज वे सॉफ्टवेयर टूल्स हैं, जो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्सपेयर्स को अपने रिटर्न फाइल करने के लिए देता है। ये दो तरह के होते हैं:
- ऑनलाइन यूटिलिटी: यह ज्यादातर व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स जैसे सैलरीड लोग इस्तेमाल करते हैं। इसमें प्री-फिल्ड डेटा जैसे सैलरी, ब्याज, आय और TDS होता है।
- JSON और Excel यूटिलिटीज: ये टैक्स प्रोफेशनल्स इस्तेमाल करते हैं, जहां डेटा ऑफलाइन भरकर पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
इन टूल्स के बिना रिटर्न फाइल करना संभव नहीं है, क्योंकि ये डेटा वैलिडेशन, फॉर्म सबमिशन और सिस्टम इंटीग्रेशन के लिए जरूरी हैं।
सवाल 4: इस देरी का टैक्सपेयर्स पर क्या असर पड़ रहा है?
जवाब: जो लोग जल्दी रिफंड की उम्मीद कर रहे हैं, उन्हें इंतजार करना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए, जिन्होंने ज्यादा TDS या एडवांस टैक्स भरा है, वे रिफंड के लिए फाइलिंग शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
सवाल 5: अगर समय पर रिटर्न फाइल नहीं किया तो क्या होगा?
जवाब: अगर 15 सितंबर 2025 तक रिटर्न फाइल नहीं होता तो 5 लाख से कम आय वालों के लिए 1,000 रुपए और 5 लाख से ज्यादा आय वालों के लिए 5,000 रुपए की पेनाल्टी लगेगी।
वहीं, बकाया टैक्स पर सेक्शन 234A के तहत 1% मासिक ब्याज लगेगा। हाउस प्रॉपर्टी को छोड़कर बिजनेस या कैपिटल लॉस को अगले साल कैरी फॉरवर्ड भी नहीं किया जा सकेगा।