छत्तीसगढ़ के पंडी राम मंडावी को पद्मश्री सम्मान:पारंपरिक वाद्ययंत्र बनाने और शिल्पकला क्षेत्र में योगदान; ‘बस्तर बांसुरी’ से भी है इनकी पहचान

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राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को दूसरे फेज के पद्म अवॉर्ड्स दिए गए। राष्ट्रपति मुर्मू ने 68 हस्तियों को सम्मानित किया, जिनमें छत्तीसगढ़ से कलाकार पंडी राम मंडावी भी शामिल हैं। हालांकि पद्म अवॉर्ड मिलने का ऐलान गणतंत्र दिवस के एक दिन पहले 25 जनवरी को ही हो गया था।

मंगलवार को हुई अवॉर्ड सेरेमनी में बिहार की दिवंगत लोक गायिका डॉ. शारदा सिन्हा को मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। वहीं, राम मंदिर आंदोलन में शामिल रहीं साध्वी ऋतंभरा को सामाजिक कार्य के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को पहचान दिला रहे पंडी राम

नारायणपुर जिले के गोंड मुरिया जनजाति के जाने-माने कलाकार पंडी राम मंडावी का पारंपरिक वाद्ययंत्र निर्माण और लकड़ी की शिल्पकला के क्षेत्र में बड़ा योगदान है। पंडी राम मंडावी 68 साल के हैं, पिछले पांच दशकों से बस्तर की सांस्कृतिक धरोहर को न केवल संरक्षित कर रहे हैं, बल्कि उसे नई पहचान भी दिला रहे हैं।

पंडी राम मंडावी की विशेष पहचान ‘बस्तर बांसुरी’ से भी है। जिसे ‘सुलुर’ कहा जाता है। इसके अलावा, उन्होंने लकड़ी के पैनलों पर उभरे हुए चित्र, मूर्तियां और अन्य शिल्पकृतियों के माध्यम से अपनी कला को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया है।

अप्रैल में हुआ था पहला फेज

इससे पहले 28 अप्रैल को पहले चरण की अवॉर्ड सेरेमनी में 71 हस्तियों को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। इनमें 4 पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 57 पद्म श्री पुरस्कार दिए गए।

सरकार ने गणतंत्र दिवस से पहले 2025 के लिए 139 पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया था। इनमें शारदा सिन्हा, ओसामु सुजुकी समेत 13 हस्तियों को मरणोपरांत पुरस्कार दिए जा रहे हैं।

19 हस्तियों को पद्म भूषण के लिए चुना गया है। 113 हस्तियों को इस बार पद्म श्री से सम्मानित किया जाना है। पद्म पुरस्कार विजेताओं में 23 महिलाएं हैं। इनमें 10 विदेशी/NRI/PIO/OCI कैटेगरी के लोग भी हैं।

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