मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सरकार के युक्तियुक्तकरण निर्णय को छात्रों के हित में बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और संसाधनों के संतुलित वितरण के लिए आवश्यक है।
मुख्यमंत्री के मुख्य बिंदु:
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शिक्षकों की असंतुलित पदस्थापना: राज्य में कई स्कूलों में शिक्षकों की कमी है, जबकि कुछ स्कूलों में अधिक शिक्षक तैनात हैं। मुख्यमंत्री ने इसे संतुलित करने की आवश्यकता बताई।
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स्कूलों का एकत्रीकरण: कई स्कूल एक ही परिसर में संचालित हो रहे हैं, जिससे संसाधनों का प्रभावी उपयोग नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने इन स्कूलों के एकत्रीकरण की योजना बनाई है।
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शिक्षकों की भर्ती: मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि युक्तियुक्तकरण के बावजूद शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है, और स्वीकृति मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी।
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शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार: युक्तियुक्तकरण से शिक्षक संसाधनों का संतुलित उपयोग होगा, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया:
शिक्षा विभाग ने राज्य में कुल 10,463 स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया है, जिसमें ई-संवर्ग की 5,849 और टी-संवर्ग की 4,614 शालाएं शामिल हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। युक्तियुक्तकरण आदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशों के अनुरूप है, जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षक संसाधनों का संतुलित और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है।
शालाओं के युक्तियुक्तकरण अंतर्गत एक ही परिसर में संचालित 10,297 विद्यालयों को युक्तियुक्त किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में एक किलोमीटर के दायरे में स्थित 133 विद्यालयों और शहरी क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में स्थित 33 विद्यालयों को भी युक्तियुक्त किया गया है। इस पहल से शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय शालाओं में अब अतिशेष शिक्षकों की तैनाती संभव होगी।
विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया:
विपक्षी दल कांग्रेस ने इस नीति का विरोध किया है, उनका कहना है कि इससे लगभग 5,000 स्कूल बंद हो सकते हैं और विशेष रूप से आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया कि इस नीति से सरकारी स्कूलों की स्थिति कमजोर होगी और निजी संस्थानों को बढ़ावा मिलेगा।The Times of India
शालेय शिक्षक संघ ने भी इस नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है, उनका कहना है कि शिक्षकों की राय को अनदेखा किया गया है और इससे शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ेगा।
✅ मुख्यमंत्री का आश्वासन:
मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों और शिक्षक संघ की चिंताओं का उत्तर देते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण से स्कूलों में संसाधनों का संतुलित उपयोग होगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षकों की भर्ती की जाएगी और स्कूलों की बंदी की कोई योजना नहीं है।
समाप्ति:
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण है। युक्तियुक्तकरण से शिक्षक संसाधनों का संतुलित उपयोग होगा, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा। हालांकि, विपक्षी दलों और शिक्षक संघ की चिंताओं को भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए, ताकि इस नीति को प्रभावी और सभी के लिए लाभकारी बनाया जा सके।