छत्तीसगढ़ में हाल के दिनों में अवैध अप्रवासियों की बढ़ती संख्या ने सरकार और पुलिस प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए अब लेबर वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम फिलहाल दुर्ग और भिलाई जिलों में लागू किया गया है, लेकिन आने वाले समय में इसे पूरे छत्तीसगढ़ में लागू करने की योजना बनाई गई है।
क्यों जरूरी हुआ लेबर वेरिफिकेशन?
छत्तीसगढ़ में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां दूसरे देशों या राज्यों से आकर लोग बिना वैध दस्तावेजों के काम कर रहे हैं। ये लोग विभिन्न निर्माण स्थलों और फैक्ट्रियों में काम कर रहे हैं। इनमें बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों के लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के सहारे यहां काम पाने की कोशिश की है।
दुर्ग-भिलाई में होगी सख्त निगरानी
दुर्ग जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) विजय अग्रवाल ने इस बारे में 28 मई को एक बैठक की। इस बैठक में भिलाई इस्पात संयंत्र (BSP) के ट्रेड यूनियन के पदाधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में तय हुआ कि जो भी ठेकेदार निर्माण कार्य या फैक्ट्रियों में श्रमिकों की आपूर्ति कर रहे हैं, उन्हें अपने हर एक मजदूर का पुलिस वेरिफिकेशन कराना होगा। इस प्रक्रिया को अनिवार्य बनाकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि अवैध अप्रवासी यहां काम न कर पाएं।
अवैध अप्रवासियों के खिलाफ सख्ती
दुर्ग पुलिस ने सभी ठेकेदारों और फैक्ट्री मालिकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने ठेका श्रमिकों का ब्योरा पुलिस को उपलब्ध कराएं। यदि कोई भी व्यक्ति अवैध तरीके से यहां मजदूरी करता पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसटीएफ का नंबर – गुप्त सूचना के लिए
पुलिस ने आम जनता से भी सहयोग की अपील की है। अगर किसी को ऐसे अवैध अप्रवासियों की जानकारी मिलती है, तो वे एसटीएफ के मोबाइल नंबर 9827166418 या 9479241784 पर सूचना दे सकते हैं। पुलिस ने यह भी भरोसा दिया है कि सूचना देने वाले की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।
रायपुर में भी मिले थे बांग्लादेशी कबाड़ी
कुछ समय पहले रायपुर में पुलिस ने बांग्लादेश से आए कुछ कबाड़ी कामगारों को पकड़ा था। ये लोग अवैध रूप से यहां कबाड़ी का धंधा कर रहे थे। इनमें से कई लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे यहां काम कर रहे थे, जिससे राज्य की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए।
भिलाई में नाम बदलकर काम कर रहे थे दंपती
13 दिन पहले दुर्ग पुलिस की विशेष टीम (STF) ने एक और मामला उजागर किया। पुलिस ने भिलाई में रह रहे एक बांग्लादेशी दंपती को पकड़ा। ये दोनों पति-पत्नी पहले वैध पासपोर्ट और वीजा पर भारत आए थे। लेकिन वीजा की मियाद खत्म होने के बाद भी वे यहीं रुके रहे। पत्नी ने घरेलू सहायिका का काम शुरू किया, जबकि पति इंडस्ट्रीज में मजदूर बनकर काम करता रहा। यह पूरी तरह अवैध था।
रायगढ़ में बंगाल के मजदूर और पाकिस्तानी-बांग्लादेशी अप्रवासी
रायगढ़ जिले में भी कई लोग पश्चिम बंगाल से आकर मजदूरी कर रहे हैं। इनमें कुछ संदिग्ध पाए गए हैं। धरमजयगढ़ में तो 12 लोगों के खिलाफ माइनर एक्ट के तहत मामला भी दर्ज हुआ। वहीं, लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रहे कुछ लोग – जिनमें 2 पाकिस्तानी भाई-बहन और 5 बांग्लादेशी शामिल हैं – लंबे समय से यहां रहकर काम कर रहे हैं। यह साफ संकेत है कि छत्तीसगढ़ में अवैध प्रवासियों की समस्या गंभीर होती जा रही है।
पुलिस और प्रशासन की चिंता – सुरक्षा खतरा
इन मामलों के सामने आने के बाद पुलिस और प्रशासन ने माना कि अवैध अप्रवासी न केवल सुरक्षा के लिए खतरा हैं, बल्कि कई बार उनके जरिए फर्जी दस्तावेज बनवाकर अवैध कामकाज भी होता है। यही वजह है कि लेबर वेरिफिकेशन को कड़ाई से लागू किया जा रहा है।
फर्जी दस्तावेजों का खेल – रायपुर में तीन बांग्लादेशी भाई
रायपुर में पकड़े गए तीन बांग्लादेशी भाइयों का मामला सबसे बड़ा उदाहरण है। ये लोग फर्जी वोटर आईडी और आधार कार्ड बनवाकर पासपोर्ट भी हासिल कर चुके थे। पुलिस और ATS ने इन्हें मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया। इन सभी के दस्तावेज रद्द करने की कार्रवाई भी की जा रही है। ये तीनों पिछले 8 साल से रायपुर में कबाड़ी का काम कर रहे थे और पूरी तरह से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में घुलमिल गए थे।
ठेकेदारों की जिम्मेदारी – हर मजदूर का रिकॉर्ड जरूरी
पुलिस ने साफ कर दिया है कि ठेकेदारों को अपने हर मजदूर का रिकॉर्ड रखना होगा। यदि कोई मजदूर बिना वेरिफिकेशन काम करता मिला, तो ठेकेदार पर भी कार्रवाई होगी। इससे न केवल अवैध अप्रवासियों की पहचान होगी, बल्कि मजदूरों के शोषण पर भी रोक लगेगी।
आम जनता का सहयोग सबसे जरूरी
पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर किसी को कहीं से भी संदिग्ध लोगों की जानकारी मिले, तो उसे तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस तरह के मामलों में नागरिकों का सहयोग ही सबसे बड़ा हथियार साबित होगा।
पूरा प्रदेश तैयार – रायपुर, भिलाई और रायगढ़ के बाद अब सभी जिलों में होगा वेरिफिकेशन
फिलहाल यह नियम दुर्ग-भिलाई में लागू हुआ है, लेकिन प्रशासन का कहना है कि बहुत जल्द इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। हर जिले में इस काम की निगरानी होगी और बाहरी मजदूरों की पूरी जानकारी पुलिस के रिकॉर्ड में दर्ज की जाएगी।
क्यों जरूरी है यह कदम?
छत्तीसगढ़ में कई औद्योगिक क्षेत्रों और निर्माण स्थलों पर बाहरी मजदूर काम करते हैं। इनमें से कई मजदूर सही तरीके से दस्तावेज बनवाकर आते हैं, लेकिन कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों से घुसपैठ कर लेते हैं। ये लोग कई बार आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं या स्थानीय मजदूरों का हक छीन सकते हैं। यही वजह है कि प्रशासन ने यह सख्त कदम उठाया है।
निष्कर्ष (संक्षेप में):
दुर्ग-भिलाई में लेबर वेरिफिकेशन अनिवार्य।
अवैध अप्रवासी पकड़े जाने पर पुलिस सख्त।
ठेकेदारों को हर मजदूर का रिकॉर्ड पुलिस को देना होगा।
अवैध मजदूरों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
आम जनता भी गुप्त सूचना देकर पुलिस की मदद कर सकती है।
आने वाले समय में पूरे छत्तीसगढ़ में नियम लागू होगा।