चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा नेता की बर्बरता पूर्वक हत्या करने वाले 4 नक्सलियों को नारायणपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। भाजपा नेता रतन दुबे की हत्या में चारों शामिल थे। ये सभी आरोपी पेरमापाल बाहकेर के जंगल में हुए आईईडी विस्फोट की घटना में भी शामिल थे।
चारों नक्सली कौशलनार बाजार में हुई हत्या और ओरछा-धनोरा के बीच रास्ता बाधित करने की घटना में भी शामिल थे। चारों नक्सली के नाम समलू कोर्राम (28) निवासी हितुलवाड़ थाना छोटेडोंगर, शंकर कश्यप (25) निवासी ग्राम गुमटेर थाना छोटेडोंगर, लखमा कोर्राम (42) निवासी गुदाड़ी थाना ओरछा जिला नारायणपुर और धनसिंह कोर्राम (40) निवासी बड़ेनहोड़पारा कोंगेरा थाना झारा जिला नारायणपुर हैं।
चुनाव प्रचार के दौरान की थी बीजेपी नेता की हत्या
4 नवंबर को भाजपा नेता रतन दुबे झारा थाना इलाके के ग्राम कौशलनार में चुनाव प्रचार करने गये हुए थे। रतन दुबे कौशलनार के बाजार में भाजपा की योजनाओं और घोषणाओं को गोंडी भाषा में ग्रामीणों को बता रहे थे, तभी नक्सलियों ने उन हमला कर दिया। नक्सलियों ने धारदार हथियार से भाजपा नेता पर बेरहमी से लगातार वार किया। सूचना मिलने पर तत्काल उन्हें जिला अस्पताल नारायणपुर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने रतन दुबे को मृत घोषित कर दिया था।
बता दें कि पुलिस अधीक्षक पुष्कर शर्मा के नेतृत्व में नारायणपुर पुलिस नक्सल विरोधी अभियान चला रही है। इसी के तहत सुरक्षा बल पर आईईडी विस्फोट, मुख्य मार्ग को पेड़ व पत्थर डालकर बाधित करने और हत्या की घटनाओं में शामिल 4 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार नक्सलियों ने 7 अप्रैल 2023 और 9 अप्रैल 2023 को पेरमापाल और बाहकेर के बीच सुरक्षाबल को नुकसान पहुंचाने की नीयत से IED विस्फोट किया था। इसके अलावा भी इन सभी के खिलाफ छोटेडोंगर थाने में छोटे-छोटे कई अपराध दर्ज हैं।
लखमा कोर्राम ने पूछताछ में 20 मार्च 2023 को धनोरा और ओरछा के बीच मुख्य मार्ग पर पत्थर और लकड़ी रखकर रास्ता अवरुद्ध करने की घटना में शामिल होना स्वीकार किया। जिस पर थाना ओरछा में अपराध दर्ज किया गया था। वहीं धनसिंह कोर्राम ने पूछताछ में बताया कि 4 नवंबर 2023 को ग्राम कौशलनार साप्ताहिक बाजार में उसने मिलकर रतन दुबे की हत्या की वारदात में शामिल होना स्वीकार किया है। मामले में थाना झारा में केस दर्ज कर जांच की जा रही थी।
आरोपी समलू कोर्राम और शंकर कश्यप को थाना छोटेडोंगर और आरोपी लखमा कोर्राम को थाना ओरछा के मामले और आरोपी धनसिंह कोर्राम को थाना झारा के केस में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से चारों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
भाजपा नेता रतन दुबे की हत्या चुनाव प्रचार के दौरान हुई थी इसलिए भाजपा ने कांग्रेस सरकार के विरुद्ध कई गंभीर आरोप लगाए थे। लेकिन अब जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बन चुकी है और नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है इस पर एक नई राजनीतिक बहस शुरू हो सकती है।