CG : बीयर पीने वालों के लिए खुशखबरी, गन्ने रस की तरह गिलास में मिलेगा बीयर, इतने रूपये में ले सकेंगे लाइसेंस

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रायपुर। बीयर पीने वालों के लिए छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर सामने आई है। अब ताज़ा और फ्लेवर से भरपूर क्रॉफ्ट बीयर का मज़ा लेने के लिए महानगरों की ओर नहीं भागना पड़ेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने माइक्रोब्रेवरी नियम 2025 को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत अब राज्य में भी गन्ना रस की तर्ज़ पर गिलास में क्रॉफ्ट बीयर सर्व की जा सकेगी।

राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ में क्रॉफ्ट बीयर निर्माण की अनुमति देते हुए “छत्तीसगढ़ सूक्ष्म यवासवनी नियम (माइक्रोब्रेवरी) 2025” लागू कर दिया है। इस नई नीति के तहत अब कोई भी इच्छुक व्यक्ति 25 लाख रुपये की लाइसेंस फीस जमा कर माइक्रोब्रेवरी यूनिट स्थापित कर सकता है।  

क्रॉफ्ट बीयर कोई आम बीयर नहीं है। इसे खास अनाज, हर्ब्स और नेचुरल फ्लेवर के साथ तैयार किया जाता है। इसका अल्कोहल स्तर अधिकतम 8 प्रतिशत होता है, जो इसे हल्का और सेहत के लिहाज़ से भी ठीक माना जाता है।

इस बीयर को न बोतल में बेचा जा सकता है, न कैन में और न ही पाउच में। केवल रेस्टोरेंट में ही गिलास में सर्व करना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था इसे खास बनाती है और शुद्धता का भरोसा भी देती है।

सरकार को भी इससे बड़े स्तर पर राजस्व की उम्मीद है। हर महीने की शुरुआत में लाइसेंसधारकों को ड्यूटी अग्रिम रूप से जमा करनी होगी और दैनिक बिक्री का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य होगा।

माइक्रोब्रेवरी में रोजाना अधिकतम 1000 लीटर बीयर और सालाना 3.65 लाख लीटर तक प्रोडक्शन की अनुमति होगी।

अगर आप उद्यमी हैं, तो यह सुनहरा मौका है। और अगर आप बीयर लवर हैं, तो तैयार हो जाइए गिलास में ताज़गी और फ्लेवर का मज़ा लेने के लिए। छत्तीसगढ़ अब बनेगा क्रॉफ्ट बीयर कल्चर का नया हब।

सरकार को होगा राजस्व लाभ

आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि इस नीति से प्रदेश में बीयर उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और राज्य के आबकारी राजस्व में भी उल्लेखनीय वृद्धि होगी। महानगरों में लोकप्रिय क्रॉफ्ट बीयर अब छत्तीसगढ़ के शौकीनों को भी स्थानीय स्तर पर मिल सकेगी, जो राज्य के फूड एंड बेवरेज सेक्टर के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।

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