मांड नदी में फिर सक्रिय रेत माफिया: मानसून से पहले हो रहा भंडारण, अवैध खनन पर नहीं लग रही लगाम, ग्रामीणों में आक्रोश

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अनिल उपाध्याय- सीतापुर। छत्तीसगढ़ में सीतापुर क्षेत्र की जीवनदायिनी मांड नदी एक बार फिर रेत माफियाओं के निशाने पर है। प्रशासन की तमाम कोशिशों और बीते दिनों की सख्त कार्यवाही के बावजूद रेत का अवैध खनन और परिवहन थमने का नाम नहीं ले रहा है।

मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम रायकेरा टोकोपारा सहित ढेलसरा, भीठुवा, नावापारा और रजौटी में दर्जनों ट्रैक्टरों द्वारा मांड नदी से बिना अनुमति रेत का उत्खनन और परिवहन युद्धस्तर पर किया जा रहा है। मानसून से पहले रेत का भारी भंडारण किया जा रहा है ताकि बारिश के दौरान मनमाने दामों में रेत बेची जा सके।

अवैध कारोबार बदस्तूर है जारी
खनिज विभाग की निष्क्रियता और पिटपास की अनुपस्थिति के बावजूद यह अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि रेत का अवैध खनन संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है।

ग्रामीणों में आक्रोश, मांड नदी के अस्तित्व पर खतरा
रायकेरा टोकोपारा के ग्रामीणों ने रेत खनन को मांड नदी के अस्तित्व के लिए खतरा बताया है और अविलंब कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि यह अवैध खनन नहीं रुका, तो आने वाले वर्षों में नदी सूखने की कगार पर पहुंच जाएगी।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया
खनिज निरीक्षक नेहा टंडन ने कहा है कि अवैध रेत खनन और भंडारण के खिलाफ जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

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