रायपुर। छत्तीसगढ़ के फ़िल्म प्रोड्यूसर मोहित साहू की हिन्दी फ़िल्म ‘जानकी’ को मुम्बई स्थित सेंसर बोर्ड के दफ़्तर ने ‘जानकी’ नाम पर आपत्ति जताते हुए प्रदर्शन के लिए सर्टिफेकेट देने से इंकार कर दिया। मोहित साहू इस समय मुम्बई में ही हैं। उन्होंने कहा कि आगे रिवाइजिंग कमेटी में जायेंगे। वहां बात नहीं सुनी गई तो हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे। ‘जानकी’ की कहानी मोहित साहू की ही लिखी हुई है।
आज दोपहर क़रीब 12.30 बजे छत्तीसगढ़ी सिनेमा जगत में उस समय हलचल मच गई जब सोशल मीडिया पर मोहित साहू की पोस्ट दिखी कि जानकी का सेंसर सर्टिफिकेट अटका दिया गया है। मैं इस वक़्त मुंबई में हूं। सेंसर बोर्ड ने ‘जानकी’ नाम पर सर्टिफिकेट जारी करने से किया इंकार। इसके बाद उन्होंने जानकी- 1’ को सर्टिफिकेट नहीं मिलने पर सोशल मीडिया में एक पोस्टर भी जारी किया।
जानकी का ट्रेलर हुआ था रिलीज
उल्लेखनीय है कि, 23 अप्रैल को राजधानी रायपुर के श्याम टॉकीज़ परिसर में आयोजित एक भव्य समारोह में ‘जानकी’ का ट्रेलर रिलीज़ हुआ था। उस दौरान मोहित साहू ने घोषणा की थी कि यह फ़िल्म 13 जून को हिन्दी भाषा में पूरे भारतवर्ष में रिलीज़ होने जा रही है। दिलेश साहू एवं अनिकृति चौहान स्टारर फ़िल्म ‘जानकी’ न सिर्फ़ छत्तीसगढ़ बल्कि दूसरे हिन्दीभाषी राज्यों में भी इसलिए भी चर्चा में आ चुकी है कि 13 जून को छत्तीसगढ़ी भाषा से पहले हिन्दी वर्ज़न के रिलीज़ होने की ख़बरें लगातार मीडिया में दौड़ रही थीं। यू ट्यूब पर इसका ट्रेलर व गाने आ चुके थे। पिछले दो हफ्ते से लगातार इस फ़िल्म का प्रमोशन जारी था। सेंसर बोर्ड की आपत्ति के बाद न सिर्फ़ टीम ‘जानकी’ बल्कि सिनेमा जगत से जुड़े बहुतेरे लोगों की ओर से सेंसर बोर्ड की इस आपत्ति पर अनेकानेक सवालों दौर शुरु हो गया है।
सेंसर बोर्ड के अधिकारियों के सामने खड़े किए सवाल
प्रोड्यूसर मोहित साहू ने सोशल मीडिया पर लिखा कि लगता है सेंसर बोर्ड पुरुष प्रधान हो गया है। कहा जा रहा है कि ‘जानकी’ नाम हटाओ, तभी प्रमाणपत्र जारी करेंगे। मैं अपनी कहानी की हत्या क्यों करूं। ‘जानकी’ नाम से कहानी लिखकर मैंने ऐसी कौन सी गलती कर दी। फिल्म में हीरोइन का नाम ‘जानकी’ रखकर कौन सा गुनाह कर दिया। मैंने सेंसर बोर्ड के अधिकारियों के सामने सवाल खड़े किए, ज़वाब मिला कि रिवाइज़ कमेटी में जाओ। मैंने कहा अब वहीं जाऊंगा। वहां भी ‘जानकी’ को न्याय नहीं मिला तो सीधे हाईकोर्ट जाऊंगा।