12 जून 2025, भारतीय विमानन इतिहास का सबसे काला दिन बन गया। अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरते ही Air India की फ्लाइट AI-171 जो कि लंदन जा रही थी, क्रैश हो गई। यह विमान एक Boeing 787-8 Dreamliner था। दुर्भाग्यवश, इस हादसे में सवार 241 लोगों की जान चली गई, साथ ही पास के डॉक्टर्स हॉस्टल में भी कुछ जानें गईं।
एयर इंडिया ने मृतकों के परिवारों को ₹1 करोड़ की प्रारंभिक सहायता राशि देने की घोषणा की है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस हादसे का कुल इंश्योरेंस क्लेम ₹1,000 करोड़ से अधिक पहुंच सकता है।
मॉन्ट्रियल कन्वेंशन क्या है?
यह एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है जिसे भारत ने 2009 में अपनाया था। इसके अनुसार, किसी विमान दुर्घटना में यात्री की मृत्यु या चोट पर एयरलाइन को 1,28,821 SDRs (स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स) तक का मुआवजा देना होता है। 2024 के अनुसार, 1 SDR की वैल्यू ₹111 थी, यानी लगभग ₹1.43 करोड़ प्रति यात्री मुआवजा बनता है।
इंश्योरेंस क्लेम कैसे होगा?
एयर इंडिया ने अपने विमान का बीमा एक $20 बिलियन वैश्विक इंश्योरेंस प्रोग्राम के तहत किया है। इसमें दो तरह के इंश्योरेंस होते हैं:
Hull Insurance – विमान को हुए नुकसान के लिए
Liability Insurance – यात्रियों और अन्य को हुए नुकसान के लिए
हादसे का असर सिर्फ भारत ही नहीं, दुनियाभर की इंश्योरेंस कंपनियों पर भी पड़ेगा क्योंकि जिम्मेदारी कई कंपनियों में बंटी होती है।
यह कितना बड़ा हादसा है?
फ्लाइट में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 1 कनाडाई और 7 पुर्तगाली नागरिक सवार थे। यह भारत के इतिहास का सबसे महंगा और दुखद विमान हादसा माना जा रहा है। यह केस आने वाले समय में विमान सुरक्षा नियमों और बीमा कानूनों को और सख्त बनाने की दिशा में अहम भूमिका निभा सकता है।