नवापारा-राजिम – नवापारा शहर के वार्ड नंबर दो के शासकीय राशन दुकान में खराब चावल वितरण की शिकायत ने स्थानीय प्रशासन और नागरिक आपूर्ति विभाग में हड़कंप मचा दिया है। इस गंभीर मामले को लेकर शुक्रवार दोपहर नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव नवापारा पहुंचकर वेयरहाउस का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि चावल की कुछ क्वालिटी प्रथम दृष्टया खराब है, यह विवाद तब शुरू हुआ जब वार्ड नंबर दो की राशन दुकान से उपभोक्ताओं को वितरित किए गए चावल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए। स्थानीय निवासियों ने शिकायत किया था कि चावल इतना खराब है कि उसे खाना तो दूर, देखने में भी असहनीय है। इस मुद्दे को लेकर नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष संध्या राव और कांग्रेस पार्षदों ने तीखा विरोध किया था। मामला तब और गरमाया जब यह शिकायत सोशल मीडिया में वायरल हो गई। सोशल मीडिया पर उपभोक्ताओं ने खराब चावल की तस्वीरें और वीडियो साझा किए, जिसके बाद नगर पालिका अध्यक्ष ओमकुमारी-संजय साहू ने तत्काल प्रभाव से दुकान संचालक को खराब चावल का वितरण रोकने के निर्देश दिए।
अध्यक्ष ने निरीक्षण कर दिए थे कड़ी कार्रवाई के निर्देश
बता दें कि नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वेयरहाउस का निरीक्षण पत्रकारो की मौजूदगी में किया। विशेष रूप से निरीक्षण के दौरान उन्होंने पत्रकारो को यहां आमंत्रित किया। चावल के स्टॉक की जांच की और पाया कि कुछ बैचों की क्वालिटी अत्यंत खराब है। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया जो सामने आ रहा है, उसमें कई दिक्कतें दिख रही हैं। चावल की गुणवत्ता में कमी के साथ-साथ स्टोरेज और वितरण प्रक्रिया में भी लापरवाही बरती गई है। इस प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सवालों के घेरे में अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका
विभागीय लापरवाही और मिलीभगत के आरोप इस मामले में विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। सूत्रों के अनुसार, राशन दुकान संचालक ने खराब चावल के स्टॉक के बारे में वितरण से पहले ही संबंधित अधिकारियों को सूचित कर दिया था। इसके बावजूद, समय पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिसके परिणामस्वरूप खराब चावल उपभोक्ताओं तक पहुंच गया। स्थानीय लोगों और विपक्षी नेताओं ने इसे अधिकारियों की आपसी सांठगांठ और लापरवाही का परिणाम बताया है। स्थानीय नेताओं और नागरिकों का आक्रोश इस मामले में स्थानीय स्तर पर व्यापक आक्रोश पैदा किया है। कांग्रेस पार्षदों ने इसे गरीबों के हक के साथ खिलवाड़ करार देते हुए सरकार पर निशाना साधा है। एक पार्षद ने कहा कि राशन दुकानों के माध्यम से गरीबों को सस्ता और गुणवत्तापूर्ण अनाज उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सरकार की है, लेकिन खराब चावल वितरण से साफ है कि व्यवस्था में भारी खामियां हैं। वहीं, स्थानीय निवासियों ने भी इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
आगे की कार्रवाई पर टिकी नजरें
निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव ने निरीक्षण के बाद आश्वासन दिया कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए वेयरहाउस और वितरण प्रणाली में सुधार किए जाएंगे। हालांकि, अब सवाल यह है कि इस मामले में कितनी तेजी और पारदर्शिता के साथ कार्रवाई होती है। नवापारा में खराब चावल वितरण का यह मामला न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाता है। उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य और गरीबों का हक सुनिश्चित करने के लिए सरकार को इस मामले में त्वरित और ठोस कदम उठाने होंगे। फिलहाल, स्थानीय नागरिक और विपक्षी दल जांच के परिणाम और कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं।
ये नेता और अधिकारी रहे उपस्थित
निरीक्षण के दौरान निगम के अध्यक्ष संजय श्रीवास्ताव के साथ नगर पालिका अध्यक्ष ओमकुमारी- संजय साहू, मंडल अध्यक्ष नागेंद्र वर्मा, पालिका उपाध्यक्ष भूपेंद्र सोनी, पार्षद प्रतिनिधि धीरज साहू, रवि साहू, सचिन सचदेव, सहदेव कंसारी, अशोक गंगवाल, मुकुंद मेश्राम, सौरभ सिन्टु जैन और अन्य लोग मौजूद थे।