रायपुर। प्रदेश के किसानों को कृषि के लिए सोलर पंप भी लगाने की भाजपा सरकार में 2016 में प्रारंभ की गई सौर सुजला योजना अब बंद हो गई है। इसके स्थान पर अब केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना में किसानों को सोलर पंप लगाकर दिए जाएंगे। इसके लिए क्रेडा ने प्रदेश सरकार के माध्यम से 2025-26 के लिए केंद्र सरकार के पास प्रदेश के किसानों के खेतों में प्रधानमंत्री कुसुम योजना में 20 हजार पंप लगाने का प्रस्ताव भेजा है। वहां से प्रस्ताव की मंजूरी के बाद क्रेडा खेतों में पंप लगाने का काम करेगा।
प्रदेश में अब तक एक लाख साठ हजार सोलर पंप लग चुके हैं। अंतिम साल में योजना को बंद करने के कारण महज सात हजार पंप लग पाए हैं। प्रदेश में किसान खेती के लिए कृषि पंप लगाने का काम करते हैं। ज्यादातर कृषि पंप तो बिजली से चलने वाले लगाए जाते हैं। लेकिन प्रदेश में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर बिजली की सुविधा न होने पर या किसानों के खेतों के पास बिजली के ट्रांसफार्मर और खंभे न होने के कारण कृषि पंप लगाने के लिए करीब 9 साल पहले प्रदेश में भाजपा की रमन सरकार के समय सौर सुजला योजना राज्य स्थापना दिवस पर एक नवंबर 2016 को प्रारंभ की गई थी।
केंद्र सरकार को भेजा है प्रस्ताव
क्रेडा के अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी ने बताया कि, नए सत्र 2025-26 में प्रदेश में केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कुसुम योजना में 20 हजार सोलर पंप लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को दिया गया है।
अब केंद्र सरकार की योजना में लगेंगे
अब किसानों को सोलर पंप केंद्र सरकार की पीएम कुसुम योजना में लगाकर दिए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार के पास 20 हजार पंप लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से मंजूरी मिलने पर पंप लगाए जाएंगे। इस योजना में भी किसानों को सब्सिडी मिलेगी। लेकिन अभी तय नहीं है कि इसमें सब्सिडी कितनी मिलेगी। राज्य सरकार की योजना में महज 10 से 20 हजार में पंप लग जाते थे। क्रेडा के अधिकारियों के मुताबिक अब तो सोलर पंप लगाने की लागत कम हो गई है। इस समय तीन एचपी के लिए करीब ढाई लाख और पांच एचपी के लिए तीन लाख दस हजार में लगते हैं। टेंडर के बाद यह लागत और कम हो सकती है।