छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में स्थित तांदुला बांध के किनारे इन दिनों एक खास मेहमान नजर आ रहा है। काले सिर वाला बहुमुखी आईबिस पक्षी, जो यहां बसेरा बना चुका है। अपनी अनोखी बनावट और शांत स्वभाव के चलते ये पक्षी प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
वन विभाग के एसडीओ डी. बैस ने बताया कि ये बहुमुखी आईबिस मुख्य रूप से नदी के किनारे, मीठे व खारे पानी के दलदल, झीलों, तालाबों और कचरा डंपिंग स्थलों पर दिखाई देते हैं। तांदुला बांध क्षेत्र में इनके देखे जाने को स्थानीय जैव विविधता के लिए अच्छा संकेत माना जा रहा है।
लकड़ियों और घास से करते हैं घर निर्माण
आईबिस पक्षी दलदली भूमि के आसपास लकड़ियों, घास और धागे जैसी चीजों से घोंसले बनाते हैं। ये मध्यम आकार के जलपक्षी होते हैं और एकांत में घोंसला बनाकर प्रजनन करते हैं।
काली गर्दन और मुड़ी चोंच इनकी पहचान
इनकी सबसे बड़ी खासियत है काली गर्दन और सिर, जबकि पूरा शरीर सफेद होता है। साथ ही इनकी लंबी, नीचे की ओर मुड़ी चोंच इन्हें अन्य पक्षियों से अलग बनाती है। इनकी लंबाई 65 से 75 सेमी के बीच होती है।
दक्षिण एशिया की खास प्रजाति
यह पक्षी मुख्य रूप से भारतीय उपमहाद्वीप और दक्षिण-पूर्व एशिया (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, नेपाल) के कुछ हिस्सों में पाए जाते हैं। इनकी मौजूदगी पर्यावरणीय संतुलन का प्रतीक मानी जाती है।
पक्षियों की वापसी पर पर्यावरण प्रेमियों में खुशी
पर्यावरणविद और पक्षी प्रेमी आरके शर्मा ने तांदुला क्षेत्र में इन पक्षियों की वापसी पर संतोष जताया है। उन्होंने अपील की है कि इस क्षेत्र को स्वच्छ और शांत बनाए रखा जाए। ताकि पक्षी निर्भय होकर यहां रह सकें।