CG ब्रेकिंग : छत्तीसगढ़ में पकड़ाया अय्याश बाबा, ‘ध्यान’ के नाम पर युवाओं को परोसता है गांजा, आश्रम से कई आपत्तिजनक चीजें बरामद

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डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़) की प्रज्ञागिरी पहाड़ी के पास एक ढोंगी बाबा का पर्दाफाश हुआ है। योग, साधना और ध्यान के नाम पर बाबा तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू आश्रम में गांजा, आपत्तिजनक खिलौने, नशीली गोलियां और संदिग्ध सामग्री रखता था, पुलिस ने रेड में सब बरामद किया। बाबा खुद को इंटरनेशनल योगगुरु बताता था, लेकिन असल में पूरा आश्रम नशे और अय्याशी का अड्डा निकला। पुलिस अब उसके नेटवर्क की जांच कर रही है।

गेरुए वस्त्र, जटाएं, माथे पर तिलक और होठों पर शांति की बातें ये सब सिर्फ एक एक्ट था, असल में यह “बाबा” नशे का सौदागर निकला। नाम है तरुण अग्रवाल उर्फ सोनू (उम्र 45)। मगर डोंगरगढ़ में लोग उसे “योगगुरु” मान बैठे थे। पुलिस ने जब उसके फार्महाउस पर दबिश दी, तो अंदर से मिली चीजों ने सबके होश उड़ा दिए —

 1.993 किलो गांजा,

आपत्तिजनक खिलौने,

 नशीली गोलियां और इंजेक्शन,

 विदेशी डिब्बों में बंद संदिग्ध सामग्री,

और एक कमरा जो किसी वेब सीरीज़ के सेट जैसा लग रहा था।

आश्रम नहीं, ‘रेव पार्टी’ का अड्डा

सूत्रों की मानें तो फार्महाउस में देर रात तक अजनबी लड़के-लड़कियों की आवाजाही आम बात थी। युवाओं को ‘ध्यान’ के नाम पर गांजा परोसा जा रहा था और धीरे-धीरे उन्हें नशे की गिरफ्त में लाया जा रहा था।

गोवा से आया ‘नकली बाबा’

कुछ साल गोवा में रह चुका तरुण वहां विदेशी सैलानियों को ‘योग रिट्रीट’ बेचता था, लेकिन असल मकसद था ड्रग नेटवर्क खड़ा करना। विदेशी महिलाओं, ध्यान शिविर और मेडिटेशन पैकेज के नाम पर उसने वहां जो कुछ सीखा – वही स्क्रिप्ट अब वो डोंगरगढ़ में चलाना चाहता था।

बाबा या माफिया?

पूछताछ में तरुण ने खुद को 100 देशों में घूम चुका “इंटरनेशनल योगगुरु” बताया और 10 से ज्यादा एनजीओ का डायरेक्टर भी। पुलिस अब इन एनजीओ, विदेशी फंडिंग, बैंक खातों और पासपोर्ट की जांच कर रही है।

सिर्फ बाबा नहीं, पूरा गिरोह शक के घेरे में!

अब सवाल ये है कि बाबा अकेला खेल रहा था या पूरा नेटवर्क उसके साथ था?

क्या डोंगरगढ़ जैसे पवित्र स्थल पर ‘रेव संस्कृति’ की बीज बोए जा रहे थे?

पुलिस ने कहा — “जांच जारी है, और भी नाम सामने आ सकते हैं”

अब जब बाबा सलाखों के पीछे है, उसकी करतूतों की परतें एक-एक कर खुल रही हैं। ये कोई वेब सीरीज़ नहीं, डोंगरगढ़ की हकीकत है, और ये कहानी अभी बाकी है।

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