रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलाईगढ़ जिले के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरसीवां में शाला प्रवेश उत्सव और वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसी दौरान बिलाईगढ़ विधायक कविता प्राण लहरे ने मंच से ही अपने नाम और आमंत्रण का उल्लेख न होने पर तीखी आपत्ति जताते हुए आक्रोशित नजर आईं है।
विधायक कविता प्राण लहरे ने कहा कि, यह न सिर्फ एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि की उपेक्षा है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र की जनता और उनके दिए गए जनादेश का भी अपमान है। उन्होंने सवाल उठाया कि, जब मैं इस क्षेत्र की विधायक हूं, जनता ने मुझे चुना है, फिर भी शासकीय शिक्षा विभाग के आमंत्रण में मेरा नाम क्यों नहीं जोड़ा गया? क्या जनप्रतिनिधियों का अब कोई सम्मान नहीं बचा?
लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान हो
इस कार्यक्रम में उपस्थित जिला कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौज के समक्ष उन्होंने ने कहा कि, जनप्रतिनिधियों की भूमिका को नजरअंदाज करना लोकतांत्रिक मर्यादाओं और प्रशासनिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। बार-बार एक विधायक की शिक्षा विभाग द्वारा अपमानित करने का काम कर रहे है। यह जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति केवल औपचारिकता नहीं होती, बल्कि यह जनता की भागीदारी और लोकतंत्र की गरिमा का प्रतीक होती है। उन्होंने शिक्षा विभाग और आयोजक अधिकारियों से ऐसी गलती होने पर सवाल उठाई है और कहा कि, लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान सुनिश्चित किया जाए।