शराब पीना है तो तैरकर जाइए: गंदगी-कीचड़ और पानी से पियक्कड़ों के साथ कर्मचारी भी परेशान विज्ञापन

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 एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार आबकारी दुकानों से करोड़ों रुपये के राजस्व का संग्रह कर राज्य के खजाने को भर रही है, वहीं दूसरी ओर उन्हीं दुकानों की बुनियादी सुविधाएं पूरी तरह नजरअंदाज की जा रही हैं। बलौदाबाजार जिले के पलारी स्थित अंग्रेजी एवं देशी मदिरा दुकान की ताजा स्थिति यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि, राज्य शासन को सिर्फ कमाई से मतलब है, न कि व्यवस्था और सुविधा से।

मानसून की पहली ही तेज़ बारिश में पलारी की शराब दुकान पूरी तरह पानी में डूब गई है। दुकान के सामने एक से डेढ़ फीट तक गंदा पानी भर गया है, जिसके बीच से होकर शराब प्रेमियों को शराब खरीदने दुकान तक पहुंचना पड़ रहा है। फिसलन, गंदगी, कीचड़ और जलभराव ने पूरी दुकान को अस्थायी तालाब में तब्दील कर दिया है। दुकानदारों को आशंका है कि, अगर इसी तरह बारिश जारी रही तो पानी दुकान के भीतर तक घुस जाएगा, जिससे शराब के स्टॉक को नुकसान पहुंच सकता है।

हर साल वही स्थिति, लेकिन प्रशासनिक की आंखें बंद
स्थानीय नागरिकों और ग्राहकों का कहना है कि, यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। हर साल मानसून में यही स्थिति उत्पन्न होती है। इसके बावजूद न तो, स्थानीय नगरीय प्रशासन और ना ही आबकारी विभाग की ओर से कोई ठोस पहल की जाती है और न ही नगर पंचायत या नगर पालिका की ओर से कोई स्थायी इंतजाम।

अन्य क्षेत्रों में भी यही स्थिति
पलारी ही नहीं, बलौदाबाजार जिले के रोहाँसी, भाटापारा, कसडोल, सिमगा और बिलाईगढ़ जैसे अन्य क्षेत्रों में संचालित शराब दुकानों की हालत भी कुछ अलग नहीं है। लगभग सभी जगहों पर जलभराव, कीचड़, बैठने की व्यवस्था का अभाव, छांव की कमी और साफ-सफाई की दुर्दशा साफ देखी जा सकती है। इन दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों के साथ-साथ ग्राहक भी प्रतिदिन असुविधा का शिकार हो रहे हैं।

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