कवर्धा/गौरेला।
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विशेषकर कवर्धा जिले के वनांचल क्षेत्रों में हालात गंभीर हो गए हैं। यहां की आगर नदी और अन्य नालों में जलस्तर इतना बढ़ गया है कि कई गांवों का संपर्क मुख्य मार्गों से कट गया है।
पुल के ऊपर से बहा पानी, ग्रामीण फंसे रहे:
बारिश के कारण कवर्धा जिले के कई गांवों की संपर्क सड़कें जलमग्न हो गई हैं। कुकदूर थाना क्षेत्र के ढोलढोली गांव में पुल के ऊपर से तेज बहाव में पानी बहता रहा। इससे ग्रामीण पुल पार नहीं कर पाए और घंटों इंतजार करते रहे जब तक पानी कम नहीं हुआ। इस दौरान लोग न तो स्कूल जा सके और न ही जरूरी कामों के लिए बाहर निकल पाए।
बाढ़ जैसे हालात, प्रशासन सतर्क:
बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। छोटे पुलों और कच्चे रास्तों पर पानी का दबाव अधिक है। कई जगहों पर अस्थाई पुल टूट गए हैं या उन पर से बहाव हो रहा है। प्रशासन ने कुछ इलाकों में अलर्ट जारी किया है और नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में ट्रक बहा, कोयला भी गया पानी में:
इसी बीच, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। मझवानी गांव के पास बन रहे राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) पर एक निर्माणाधीन पुल से तेज बहाव में कोयला से लदा ट्रक बह गया।
कैसे हुआ हादसा?
बताया गया है कि ट्रक बिलासपुर से कोयला लेकर आ रहा था। भारी बारिश के चलते पुल पर तेज पानी का बहाव था, लेकिन चालक ने पुल पार करने का प्रयास किया। पानी के दबाव और फिसलन के कारण ट्रक संतुलन खो बैठा और नीचे गिरकर बहाव में बह गया।
रेस्क्यू कर बचाया गया ड्राइवर:
ट्रक जैसे ही बहा, वहां मौजूद स्थानीय ग्रामीणों ने तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। किसी तरह ट्रक चालक को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। हालांकि, ट्रक में लदा पूरा कोयला बह गया। इस घटना ने प्रशासन की तैयारी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ में जारी भारी बारिश से कवर्धा, गौरेला और आसपास के क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हैं। जहां एक ओर ग्रामीणों का आवागमन ठप हो गया है, वहीं दूसरी ओर निर्माणाधीन परियोजनाओं में सुरक्षा व्यवस्था की पोल भी खुल गई है। प्रशासन को चाहिए कि वह इन हालातों में तेजी से सुरक्षा और राहत कार्यों को अंजाम दे और ऐसी जगहों पर समय रहते वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करे।