‘Mini Gill’ वैभव सूर्यवंशी का धमाकेदार प्रदर्शन: उम्र 14, प्रदर्शन वर्ल्ड क्लास
लंदन।
भारतीय क्रिकेट को भविष्य का सुपरस्टार मिल चुका है, और उसका नाम है – वैभव सूर्यवंशी। सिर्फ 14 साल की उम्र में इस बल्लेबाज ने इंग्लैंड में खेली गई U-19 यूथ वनडे सीरीज में ऐसा प्रदर्शन किया, जिसने दुनियाभर के क्रिकेट फैंस को चौंका दिया।
5 मैचों की सीरीज में 355 रन, 71 की औसत और 174 की स्ट्राइक रेट – ये किसी सीनियर खिलाड़ी के नहीं, बल्कि एक किशोर खिलाड़ी के आंकड़े हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने 52 गेंदों में शतक लगाकर यूथ क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज़ शतक का नया रिकॉर्ड भी बना दिया।
29 छक्के: विरोधी गेंदबाज़ों की उड़ाईं नींदें
सीरीज में वैभव ने 30 चौके और 29 छक्के जड़ डाले। दिलचस्प बात यह है कि उनके छक्कों की संख्या बाकी टॉप 6 बल्लेबाजों के कुल छक्कों से भी अधिक रही। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा 143 रन, और वो भी महज 52 गेंदों में।
इससे पहले यूथ क्रिकेट में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड पाकिस्तान के कासिम अकरम के नाम था, जिन्होंने 2022 में 62 गेंदों में सेंचुरी मारी थी। लेकिन वैभव ने यह रिकॉर्ड भी ध्वस्त कर दिया।
️ “शुभमन गिल से मिली प्रेरणा” – वैभव सूर्यवंशी
मैच के बाद BCCI से बातचीत में वैभव ने कहा:
“मुझे नहीं पता था कि मैंने कोई रिकॉर्ड बनाया है। टीम मैनेजर अंकित सर ने बताया।
मैंने शुभमन गिल की डबल सेंचुरी देखी थी, और वहीं से सोच लिया कि जब तक टाइम है, खेलता रहूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि असली खुशी तो होटल पहुंचने के बाद परिवार से बात करके महसूस होगी।
“कोई पार्टी नहीं करूंगा, बस अगली बार 200 मारने की कोशिश करूंगा।”
अंतिम मैच में 33 रन पर आउट, लेकिन छा गए वैभव
हालांकि सीरीज का आखिरी मुकाबला भारत हार गया, और वैभव सिर्फ 33 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन उनकी प्रदर्शन ने पूरी सीरीज का आकर्षण खींच लिया। इंग्लैंड ने आखिरी मैच जीतकर सीरीज 3-2 से अपने नाम की, लेकिन क्रिकेट प्रेमियों के दिलों में वैभव ही असली विजेता बने।
IPL में धमाल, अब टेस्ट की बारी
वैभव सूर्यवंशी ने IPL 2025 में राजस्थान रॉयल्स की ओर से खेलते हुए डेब्यू किया था और अपने प्रदर्शन से वहां भी सबका ध्यान खींचा। अब वह 12 जुलाई से शुरू होने वाली दो यूथ टेस्ट मैचों में हिस्सा लेंगे।
अगर उनकी ये फॉर्म जारी रही, तो आने वाले कुछ सालों में हम उन्हें भारतीय सीनियर टीम की नीली जर्सी में देख सकते हैं।
✅ निष्कर्ष:
14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने यह साबित कर दिया है कि टैलेंट उम्र नहीं देखता। उनकी बल्लेबाज़ी में जिस तरह का आत्मविश्वास, स्ट्राइक रोटेशन और आक्रामकता देखने को मिली, वो किसी इंटरनेशनल खिलाड़ी से कम नहीं थी। अगर इसी रफ्तार से आगे बढ़ते रहे, तो भारत को सचमुच एक नया बल्लेबाज़ी का सूरज – “Vaibhav Suryavanshi” मिलने वाला है।