शराब घोटाला: 22 आबकारी अधिकारियों पर गिर सकती है निलंबन की गाज

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रायपुर – राज्य के इस बड़े घोटाले का खुलासा करने के बाद ईओडब्लू की टीम ने इस मामले में चतुर्थ पूरक चालान बुधवार को न्यायालय में प्रस्तुत किया है, जिसे 5 जुलाई को विशेष न्यायाधीश के अवकाश पर होने की वजह से प्रस्तुत नहीं किया जा सका था। गिरफ्तारी के डर से ईओडब्लू द्वारा जारी समन के बावजूद न्यायालय में पेश नहीं होने पर सभी 29 आरोपियों को 20 अगस्त तक मोहलत दी गई है। ईओडब्लू द्वारा की जा रही जांच में अब तक यह तथ्य सामने आया है कि पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में यहां सुनियोजित घोटाले को अंजाम दिया गया है। इससे प्राप्त राशि को आरोपियों ने अपने व्यक्तिगत और पारिवारिक हितों में खर्च किया है।

इस मामले में अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में साक्ष्यों के आधार पर यह आशंका जताई गई है कि 60,50,950 पेटी बी-पार्ट शराब की अवैध बिक्री हुई है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार घोटाले की कुल राशि 3200 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है। बी-पार्ट शराब की बिक्री यानी शासकीय दुकानों के सामानांतर रूप से अवैध बिक्री है। बस्तर और सरगुजा संभाग को छोड़कर चयनित जिलों में अधिक खपत वाली देसी शराब दुकानों को डिस्टलरी से सीधे अतिरिक्त अवैध शराब भेजी जाती थी, जिसे वैध शराब के साथ समानांतर बेचा जाता था। इस प्रकरण में अब तक अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा, विजय भाटिया सहित 13 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है और एफआईआर में 70 आरोपी नामजद हैं।

इनका हो सकता है निलंबन
आबकारी घोटाले में जिला आबकारी अधिकारी जनार्दन कौरव, उपायुक्त आबकारी अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा, अरविंद कुमार पाटले, सहायक आयुक्त आबकारी प्रमोद कुमार नेताम, रामकृष्ण मिश्रा, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंग तोमर, मंजुश्री कसेर, सौरभ बख्शी, दिनकर वासनिक, सोनल नेताम, प्रकाश पाल, अलेख राम सिदार, आशीष कोसम, राजेश जायसवाल, जिला आबकारी अधिकारी इकबाल खान, नितिन खंडुजा, मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, उपायुक्त आबकारी नीतू नोतानी ठाकुर, नोहर सिंह ठाकुर को निलंबित किया जाएगा।

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