रायपुर – मिर्गी का झटका एवं न्यूरो संबंधी समस्या के लिए उपयोग किए जाने वाले फेनीटोइन इंजेक्शन के अमानक मिलने के बाद सीजीएमएससी द्वारा दिल्ली की कंपनी को शोकॉज नोटिस जारी किया गया है। उनसे क्वालिटी कंट्रोल सहित निर्माण संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं। संबंधित बैच के इंजेक्शन को जांच के लिए तीसरे लैब में भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर संबंधित कंपनी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। पिछले दिनों एक शासकीय अस्पताल में इस इंजेक्शन से संबंधित शिकायत मिली थी। इस आधार पर दवा कार्पोरेशन द्वारा संबंधित बैच के उपयोग पर रोक लगाई गई थी।
मामले में इंजेक्शन का निर्माण करने वाली दिल्ली की कंपनी को नोटिस जारी कर निर्माण से संबंधित विभिन्न दस्तावेज मांगे गए हैं। सीजीएमएससी के अफसरों का तर्क है कि संबंधित बैच के इंजेक्शन को एनबीएल की मान्यता प्राप्त तीसरे लैब में जांच के लिए भेजा गया है। वहां रिपोर्ट में दोष सिद्ध होने पर संबंधित कंपनी को ब्लैक लिस्टेड, अनुबंध समाप्ति जैसी कार्रवाई की जाएगी। दवा निगम के अधिकारियों ने बताया कि इस शिकायत के आधार पर राज्यभर में बेचे गए स्टॉक की जांच की जा रही है, हालांकि दूसरे स्थान से शिकायत नहीं मिली है। सीजीएमएससी की प्रबंध संचालक पद्मिनी भोई साहू ने कहा कि यह जीवन रक्षक औषधि है। प्राप्त शिकायत के आधार पर पूरी गंभीरता बरती जा रही है।
टेस्ट किट, आईवी ड्रिप सेट, सर्जिकल ब्लेड की जांच भी
अफसरों ने बताया कि प्रेगनेंसी टेस्ट किट, आईवी ड्रिप सेट और सर्जिकल ब्लेड जैसी कुछ सामग्रियों को लेकर प्राप्त शिकायतों पर सीजीएमएससीएल ने त्वरित और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की है। इन प्रकरणों में संबंधित उत्पादों के प्रयोग पर रोक, जांच दल के गठन, निर्माता फर्मों को नोटिस जारी करने, तथा आवश्यकता अनुसार स्टॉक की वापसी और प्रतिस्थापन की कार्रवाई की गई है। दवा कार्पोरेशन जीरो टॉलरेंस पॉलिसी के अंतर्गत दोषी आपूर्तिकर्ताओं पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई करता रहा है।