अपनाया शॉर्टकट तरीका: सिविल इंजीनियर युवती ने यू-ट्यूब से सीखा नकल का तरीका

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बिलासपुर – पीडब्ल्यूडी में असिस्टेंट इंजीनियर की परीक्षा में नकल मारते पकड़ी गई जशपुर की परीक्षार्थी अनू सूर्या ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है। जशपुर से प्रारंभिक पढ़ाई करने के बाद उसने अंडमान से इंजीनियरिंग पूरी की। युवती जेईई और दूसरी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी। लगातार परीक्षाओं में चयन नहीं होने पर उसने नकल का सहारा लेने का फैसला लिया और पकड़ी गई। 

हालांकि उसने किसी भी गिरोह के इसमें शामिल होने की बात से इंकार किया और कहा कि कुछ नंबर अधिक पाने के लिए इस इलेक्ट्रानिक गजेट का सहारा लिया। इसके लिए यू ट्यूब चैनल से तरीका भी सीखा। इस युवती ने वाकी टाकी से लेकर, माइक्रो कैमरा, ब्लूटुथ डिवाइस और दूसरे सामान आनलाइन मंगाए थे। दरअसल, पीडब्ल्यूडी में असिस्टेंट इंजीनियर के 113 पदों के लिए रविवार को व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की ओर से भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। सरकंडा के उच्चतर माध्यमिक शाला में परीक्षा सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक चली। इसी परीक्षा सेंटर में अभ्यर्थी अनु सूर्या परीक्षा देने आई थी। यह युवती जशपुर जिले के कुनकुरी की निवासी है। कक्ष क्रमांक 7 में परीक्षार्थी का रोल नंबर 13091014 था। अनु सूर्या ने स्पाई कैमरा को अंडरगार्मेंट्स में छिपाकर रखा था। बाहर आटो में बैठी उसकी बहन अनुराधा बाई के पास रखे कैमरे से प्रश्नों को देख रही थी। गूगल में सर्च कर वाकी-टॉकी की मदद से आंसर बता रही थी। इसी दौरान दोनों बहनें पकड़ी गईं।

केन्द्र प्रभारी की भूमिका पूरी तरह संदिग्ध
इस पूरे मामले में सरकंडा के उच्चतर माध्यमिक शाला में जहां की परीक्षा का सेंटर था उसके केन्द्र प्रभारियों की भूमिका भी काफी संदिग्ध लग रही और सवालों के घेरे में है। जानकारी के मुताबिक स्कूल के 10 से अधिक कमरों में परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्थाथी। सभी कमरों में एक महिला और एक पुरुष शिक्षक की ड्यूटी बतौर पर्यवेक्षक लगी थी। कक्ष क्रमांक 7 में जहां जशपुर की छात्रा परीक्षा दे रही बस उसी कमरे में दोनों पुरुष शिक्षकों की ड्यूटी थी। इसी कारण बालक परीक्षार्थियों की तो जांच कमरे में प्रवेश करने से हुई लेकिन बालिकाओं की किसी प्रकार की जांच नहीं हुई। यही कारण था कि जशपुर की छात्रा मोबाइल के साथ ही माइक्रो कैमरा और दूसरे सामान लेकर परीक्षा कक्ष में प्रवेश कर गई। सवाल इस बात का भी है कि व्यापमं की इस बड़ी परीक्षा में युवती मोबाइल लेकर बैठी रही और किसी की नदर कैसे नहीं पड़ी। आटो चालक ने सतर्कता नहीं दिखाई होती और एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने नहीं पकड़ा होता तो इतने बड़े मामले का खुलासा शायद नहीं हो पाता।

कांग्रेस ने की सीबीआई जांच की मांग
कांग्रेस और एनएसयूआई ने इस मामले में राज्य सरकार की परीक्षा तंत्र की नाकामी का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। नेहरू चौक पर आयोजित धरना-प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने प्रदेश सरकार और व्यापम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मामले की सीबीआई जांच की मांग की। प्रदर्शन की अगुवाई शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय पाण्डेय, कांग्रेस नेता प्रमोद नायक, महेन्द्र गंगोत्री, एनएसयूआई नेता रंजीत सिंह, लक्की मिश्रा और विकास सिंह ने की। प्रदर्शनकारियों ने जिला कलेक्टर कार्यालय का घेराव किया और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। एनएसयूआई का आरोप है कि शुरुआती जांच के बाद रायपुर से किसी फोन कॉल के चलते जांच को अचानक रोक दिया गया, जिससे इस पूरे कांड में ऊंची पहुँच वाले लोगों की संलिप्तता का संदेह और गहरा गया है। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता प्रमोद नायक ने कहा, “सरकार में बैठे किसी रसूखदार की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा नकल कांड संभव नहीं है। हमें सूचना मिली है कि दोनों आरोपियों ने पूछताछ में बताया है कि प्रदेश के विभिन्न केंद्रों में लगभग 40 लोग मिलकर नकल कराने की योजना चला रहे थे। कांग्रेस ने ममले की सीबीआई जांच, सब इंजीनियर परीक्षा को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने और घोटाले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है।

अंडमान से 6 महीने पहले जशपुर शिफ्ट हुए
पुलिस की प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि युवती अन्नू सूर्या के पिता कलेश्वर राम कुनकुरी में रहते हैं और पेशे से मजदूर हैं। कमाने खाने के लिए वह अंडमान गए थे और वहीं की महिला से विवाह कर लिया। नकल में पकड़ी गईं दोनों युवतियां भी अपने माता-पिता के साथ अंडमान में रहती थीं। वहीं से उनकी पढ़ाई हुई है। करीब छह महीने पहले उनका परिवार जशपुर में आकर शिफ्ट हुआ है। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि उन्होंने डिवाइस कब मंगाई है। डिवाइस मिलने के बाद युवती या उसकी बहन किसी और प्रतियोगी परीक्षा में शामिल तो नहीं हुई हैं।

केन्द्र पहुंचने के बाद सेटअप तैयार किया
परीक्षार्थी अन्नू सूर्या जशपुर से अपनी बहन के साथ कार में बिलासपुर आई थी। परीक्षा केंद्र के अंदर पहुंचने के बाद उसने बाथरूम में जाकर टैबलेट और वॉकीटॉकी से नकल कराने का सेटअप तैयार किया। हालांकि क्लास रूम में पहुंचने के बाद यह वाकीटाकी डिस्कनेक्ट हो गया और बाहर बैठी अपनी बहन से उसका संपर्क टूट गया। इसके बाद अन्नू सूर्या परीक्षा शुरू होने के थोड़ी देर बाद फिर बाथरूम पहुंची और फिर से डिवाइस को कनेक्ट करने की कोशिश की लेकिन असफलता हाथ लगी। इससे परीक्षार्थी एक भी प्रश्न का नकल नहीं कर सकी और पकड़ी गई।

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