रायपुर – प्रदेश में सभी वर्गों के बिजली उपभोक्ताओं के पुराने मीटर बदलकर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इन मीटरों में बिजली चोरी करना संभव नहीं है। अगर कोई मीटर से छेड़छाड़ करता है तो इसका पता गुढ़ियारी के कंट्रोल रूम में बैठे-बैठे चल जाएगा। प्रदेश का ऐसा ही बिजली चोरी का पहला मामला सामने आया है। राजधानी रायपुर के ब्राह्मणपारा वार्ड के उपभोक्ता आलोक शर्मा स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ कर बिजली चोरी कर रहे थे। इसकी जानकारी होने पर उपभोक्ता के घर पर पॉवर कंपनी की विजिलेंस टीम ने छापा मारा और उपभोक्ता से 87349 रुपए का न सिर्फ बिल वसूला, बल्कि उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करा दी गई है।
प्रदेश के 60 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं के मीटरों को स्मार्ट मीटर में बदला जा रहा है, क्योंकि आने वाले समय में इन मीटरों से उपभोक्ताओं के बिजली कनेक्शन प्रीपैड किए जाएंगे। ऐसा होने से उपभोक्ताओं को मोबाइल की तरह की स्मार्ट मीटर को रीचार्ज कराने पर ही बिजली मिलेगी। स्मार्ट मीटरों में कई फंक्शन हैं। इन मीटरों से छेड़छाड़ करना और बिजली चोरी किसी भी हाल में संभव नहीं है। स्मार्ट मीटरों के लिए गुढ़ियारी में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां से हर उपभोक्ता की निगरानी की जाती है। इसी कंट्रोल रूम से रीचार्ज न कराने वाले उपभोक्ताओं की जहां बिजली कट हो जाएगी, वहीं रीचार्ज कराने पर फिर से बिजली भी प्रारंभ हो जाएगी।
डेढ़ गुना वसूली
अधीक्षण अभियंता महावीर विश्वकर्मा ने बताया, उपभोक्ता के घर पर स्मार्ट मीटर मार्च में ही लगा था। ऐसे में मार्च से लेकर जुलाई तक उनकी खपत के हिसाब से नियमानुसार डेढ़ गुना बिल 87349 रुपए लिया गया है। उपभोक्ता ने पैसे जमा कर दिए हैं, लेकिन नियमानुसार उनके खिलाफ लाखेनगर जोन के सहायक यंत्री गुलाब सिंह साहू के माध्यम से आजाद चौक थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। इसी के तहत उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन भी कट कर दिया गया है।
चोरी का पहला मामला
प्रदेश में अब तक 21 लाख स्मार्ट मीटर लग गए हैं। इन मीटरों से बिजली चोरी का पहला मामला रायपुर में सामने आया है। जब कंट्रोल रूप में रायपुर के ब्राहमणपारा के उपभोक्ता आलोक शर्मा के मीटर में छेड़छाड़ की जानकारी मिली तो इसकी जानकारी कंट्रोल रूम से सर्किल-1 के अधिकारियों को दी गई। इसके बाद पॉवर कंपनी की विजिलेंस की टीम आलोक शर्मा के घर पहुंची और उनके सामने ही मीटर की जांच की गई। सर्किल वन के अधीक्षण अभियंता महावीर विश्वकर्मा के मुताबिक, उपभोक्ता ने स्मार्ट मीटर का सर्किट ही निकाल दिया था और बिजली चोरी की जा रही थी।