️ नई दिल्ली | 16 जुलाई 2025
राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने कक्षा 8वीं के लिए सामाजिक विज्ञान की नई इतिहास पुस्तक जारी कर दी है। किताब का नाम है “Exploring Society: India and Beyond – Part 1”, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 (NCF 2023) के तहत तैयार किया गया है।
क्या है इस बार खास?
नई किताब में मुगल शासन, खासकर बाबर, अकबर और औरंगज़ेब के दौर को लेकर स्पष्ट और तथ्यात्मक व्याख्या की गई है। इस बार इतिहास को एक संतुलित और यथार्थपरक नजरिए से पेश करने की कोशिश की गई है।
⚔️ बाबर: ‘निर्दयी और क्रूर विजेता’
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किताब में बाबर को एक ऐसे शासक के रूप में चित्रित किया गया है, जिसने भारत में आक्रमण के दौरान शहरों की आबादी का सामूहिक नरसंहार किया।
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उसे “निर्दयी और क्रूर विजेता” बताया गया है।
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यह वर्णन बाबर की आक्रामक सैन्य नीति और युद्धों में की गई हिंसा पर आधारित है।
अकबर: सहिष्णुता और क्रूरता का मिश्रण
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अकबर को एक जटिल व्यक्तित्व के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसकी नीतियों में धार्मिक सहिष्णुता और राजनीतिक क्रूरता दोनों ही मौजूद थीं।
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उसकी शासन नीति को “क्रूरता और सहिष्णुता का मिश्रण” कहा गया है।
औरंगज़ेब: धार्मिक असहिष्णुता के उदाहरण के रूप में
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किताब में औरंगज़ेब के काल को धार्मिक असहिष्णुता के उदाहरण के रूप में बताया गया है।
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इसमें मंदिरों और गुरुद्वारों के विध्वंस का उल्लेख करते हुए यह बताया गया है कि किस तरह से धार्मिक स्थलों पर हमले किए गए।
“इतिहास के अंधेरे दौर” पर विशेष अध्याय
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किताब में एक नया अध्याय “Note on Some Darker Periods in History” भी शामिल किया गया है।
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इसका उद्देश्य इन ऐतिहासिक घटनाओं को केवल आलोचना नहीं, बल्कि सबक लेने योग्य संदर्भ के रूप में प्रस्तुत करना है।
⚠️ एक ज़िम्मेदार चेतावनी भी जोड़ी गई
“आज किसी को भी अतीत की घटनाओं के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए।”
यह नोट यह सुनिश्चित करता है कि इतिहास की पढ़ाई तटस्थ, तथ्यात्मक और समझदारीपूर्ण ढंग से हो।
️ क्या-क्या शामिल किया गया है इस बार?
नए अध्याय ‘Reshaping India’s Political Map’ में निम्नलिखित विषयों को शामिल किया गया है:
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दिल्ली सल्तनत का उदय और पतन
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बाबर से औरंगज़ेब तक मुगलों का शासन
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विजयनगर साम्राज्य का योगदान
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मराठा शक्ति का उभार
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सिखों का संघर्ष और विद्रोह
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धार्मिक स्थलों का विध्वंस और सामाजिक प्रभाव
NCERT का पक्ष: कोई चीज़ छिपाई नहीं गई
NCERT ने साफ कहा है कि किताब में दिए गए विवरण साक्ष्य-आधारित हैं और किसी ऐतिहासिक तथ्य को “ग्लोरिफाई” या “साफ-सुथरा” नहीं किया गया है। यह बदलाव नई शिक्षा नीति के उस दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो छात्रों को अपने अतीत के बारे में वास्तविक और तार्किक जानकारी देना चाहता है।
निष्कर्ष
NCERT की नई किताब भारत के मध्यकालीन इतिहास को नए दृष्टिकोण से पेश करती है। इसमें जहां एक ओर धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक जटिलताओं को उजागर किया गया है, वहीं इतिहास की जिम्मेदार व्याख्या भी सुनिश्चित की गई है। अब छात्रों को इतिहास सिर्फ तारीख़ों और युद्धों तक सीमित नहीं, बल्कि विचार, मूल्य और सबक के रूप में पढ़ाया जाएगा।