बिहार में नालंदा जिले के पावापुरी जैसे पवित्र स्थल में हुई एक हृदय विदारक घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया। शुक्रवार (18 जुलाई) शाम यहां एक ही परिवार के 5 लोगों ने जहर निगल लिया। मां और बच्चों समेत 4 की मौत हो गई। जबकि, पिता की हालत गंभीर बनी हुई है। वह कर्ज के बोझ, धमकियों और सामाजिक उत्पीड़न ने परेशान था
बिहार में यह दर्दनाक घटना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले में हुई है। मां सोनी देवी (38), बेटियां दीपा (16) और अरिमा (14) व उनके बेटे शिवम (14) की मौत हो गई। जबकि, पिता धर्मेंद्र कुमार अस्पताल में भर्ती हैं। सबसे छोटा बेटा सत्यम चमत्कारिक रूप से बच गया। वही अब परिवार की कहानी सुना रहा है।
पापा ने सबको जहर खिलाया
घटना के बाद से सत्यम बुरी तरह से डरा सहमा हुआ है। उसने अपनी कांपती आवाज़ में पुलिस को बताया कि पापा ने ही सभी को जहर दिया है। उसने इनकार करते हुए वहां भाग गया, जिस कारण जान बच गई। मां ने कोचिंग संचालक मधुरंजन को फोन कॉल कर कहा, हम सबने जहर खा लिया है। आप मेरे बेटे को बचा लेना।
5 लाख और हर माह 15 हजार ब्याज
धर्मेंद्र कुमार के मुताबिक, रामू नामक साहूकार से उन्होंने 10% ब्याज पर पहले 3.5 लाख और फिर बाद में लिया 2 लाख कर्ज लिया है। हर महीने 15 हजार रुपए ब्याज के तौर पर चुकाने पड़ते हैं। न देने पर आए दिन घर और दुकान आकर वह गाली-गलौज करता था। परिवार को जान से मारने की धमकी देता था। जिस कारण यह आत्मघाती कदम उठाना पड़ा।
हम नहीं बचेंगे, छोटे बेटे को ले जाना
सोनी देवी ने मरने से ठीक पहले अपने भाई विकास कुमार को फोन कर घटना की जानकारी दी। रोते हुए बताया कि बताया कि हम लोग अब नहीं बचने वाले। छोटे बेटे को ले जाओ, उसे भी मार न दें।
समाज और प्रशासन के लिए चेतावनी
नालंदा जिले की यह घटना केवल एक आत्महत्या केस नहीं, बल्कि साहूकारी प्रथा की क्रूरता और प्रशासनिक असफलता का जीवंत उदाहरण है। कर्ज देने वालों के खिलाफ अब तक सख्त कार्रवाई नहीं हुई। गरीबों को न बैंक लोन मिलता है और न कोई कानूनी संरक्षण। जिस कारण वे बेखौफ होकर लोगों को मजबूर करते हैं।