रायपुर। रायपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जल जीवन मिशन योजना के तहत किए गए कार्य सैकड़ों ग्रामों में अभी तक अधूरे पड़े हुए हैं, जिसके कारण इन ग्रामों में रहने वाले लोगों को अभी तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अभी तक अधूरे कार्यों को लेकर लापरवाही का ठीकरा ठेकेदारों पर फोड़ा जा रहा है। इसे लेकर कई गांव के सरपंच कई ठेकेदारों के विरुद्ध विभाग से लेकर जिला पंचायत एवं कलेक्टोरेट में शिकायत भी कर चुके हैं। इसके बाद भी आखिर क्या कारण है कि इन ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हो रही है। इसकी पड़ताल पर पता चला कि जिन ठेकेदारों ने कार्य अधूरे छोड़े हैं, उनमें ज्यादातर का फंड विभाग से अटका हुआ है। फंड नहीं मिलने के कारण ठेकेदार कार्य पूर्ण नहीं करा रहे हैं। पड़ताल में यह भी पता चला कि जिन ठेकेदारों को योजना के तहत कार्य करने ठेका दिया है, वह भी बगैर टेंडर निकाले दिया है। ऐसे में विभाग के अधिकारी भी ठेकेदारों के विरुद्ध कार्रवाई करने से बच रहे हैं।
केस – 1
धरसींवा विकासखंड अंतर्गत ग्राम तुलसी में इस योजना के तहत कार्य किए गए हैं, लेकिन यहां कुछ कार्य अभी भी अधूरे हैं। इस गांव में उत्तम टंडन नामक व्यक्ति को इसका ठेका दिया गया था। ठेकेदार का कहना है कि विभाग ने बगैर टेंडर निकाले उसे ठेका दिया था। विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बदली तो उसका फंड रोक दिया गया है। इस कारण वह अधूरे कार्य को पूरा भी नहीं कर पा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस संबंध में उसने जिला पंचायत और कलेक्टर से शिकायत भी की है, लेकिन अभी तक शिकायत का निराकरण नहीं हो पाया है।
केस – 2
ग्राम पंचायत नकटी में भी ठेकेदार ने पानी टंकी, पाइप लाइन बिछाने से लेकर कनेक्शन देने का काम पूरा किया है, लेकिन किसी भी कनेक्शन में वाल्व नहीं लगाया है। इस कारण से गांव के किसी भी घर में पानी नहीं आ रहा है। यह स्थिति पिछले करीब डेढ़ साल है। इस गांव के सरपंच बिहारी यादव बताया कि विभाग ने ठेकेदार को एनओसी जारी कर दिया है। इस संबंध में उन्होंने जिला पंचायत एवं कलेक्टर जनदर्शन में शिकायत भी की है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
मान्य सभा में गलत जानकारी देने पर घिर चुके हैं विभाग के अधिकारी
माहभर पहले जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक में जल जीवन मिशन अंतर्गत ग्रामों में हुए कार्यों की रिपोर्ट पीएचई विभाग के अधिकारी अनिल बच्चन ने पेश की थी। इस रिपोर्ट में अधिकारी ने दावा किया था कि इस योजना के तहत जिले में कुल 477 ग्रामों में से 294 ग्रामों में कार्य पूर्ण हो चुके हैं, लेकिन पानी की सप्लाई शत प्रतिशत घरों में शुरू नहीं हो पाई है। उन्होंने रिपोर्ट में यह भी बताया था कि 81 ग्रामों में कार्य प्रगति पर है तथा 9 ग्राम में कार्य प्रारंभ नहीं हो पाए हैं। जिला पंचायत के सदस्यों ने इस रिपोर्ट को फर्जी बताया था। सदस्यों ने कहा था कि 294 ग्रामों में से 100 से ज्यादा गांव में कार्य अधूरे हैं। इसके बाद भी इन गांव में कार्य करने वाले ठेकेदारों को विभाग ने एनओसी जारी कर दी है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विभाग की लापरवाही के कारण अभी तक जिन गांव में कार्य पूर्ण हो चुका है, उन गांवों में भी पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो पाई है, जिसके लिए ठेकेदार जिम्मेदार है।
मेरे क्षेत्र के 80 प्रतिशत गांवों में कार्य अधूरे
रायपुर के जिला पंचायत सदस्य यशवंत साहू ने बताया कि , अभनपुर क्षेत्र के 80 प्रतिशत गांव में जल जीवन मिशन योजना के तहत कार्य अधूरे पड़े हुए हैं। ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड तक नहीं किया जा रहा है। सामान्य सभा में मुद्दा भी उठाया था, लेकिन कार्रवाई नहीं की गई।
बच रहे अफसर कार्रवाई करने से
रायपुर जिला पंचायत सदस्य वतन चंद्राकर ने बताया कि, कई ठेकेदारों को बगैर टेंडर निकाले काम दिया गया था। फंड जारी नहीं होने से ठेकेदारों ने काम करना बंद कर दिया, इसलिए अधूरे पड़े हुए हैं, इसलिए अधिकारी भी कार्रवाई करने से बच रहे हैं