छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में आत्मानंद स्कूली बच्चों से भरा ई-रिक्शा अनियंत्रित होकर पलट गया। ई-रिक्शा पलटने से स्कूली बच्चे बाल-बाल बच गए। ई-रिक्शा जिस रास्ते से रोज गुजरता है उस रास्ते कि हालत बहुत ही खराब हो गई है। इस रास्ते पर अक्सर दुर्घटना होते रहते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, ब्लाक के आला अधिकारी बताते है कि, उस रास्ते का ये हाल रोज होता है। इस रास्ते पर दुर्घटना होना आम बात है। जिम्मेदार अधिकारी बड़े हादसे के इंजतार मे बैठे है। यह घटना नवागढ़ के आत्मानंद स्कुल जाने के रास्ते की बताई जा रही है।
ई-रिक्शा: बच्चों के लिए कितना सुरक्षित?
हादसे ने एक और गंभीर सवाल खड़ा किया है — क्या ई-रिक्शा बच्चों के स्कूल आने-जाने के लिए सुरक्षित हैं?
ई-रिक्शा एक हल्का, बैटरी से चलने वाला तीन पहिया वाहन है। संतुलन बिगड़ने या अधिक भार होने पर यह वाहन आसानी से पलट सकता है। कई राज्यों में तो ई-रिक्शा से स्कूली बच्चों की ढुलाई पर पहले से ही प्रतिबंध लगाया गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब भी यह लापरवाही जारी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों की सुरक्षा के लिहाज़ से या तो स्कूल बसें उपलब्ध कराई जाएं, या फिर ई-रिक्शा के संचालन पर सख्त निगरानी रखी जाए।
अब सवाल ये है:
-
प्रशासन कब जागेगा?
-
क्या बच्चों की जान इतनी सस्ती है?
-
जर्जर सड़क की मरम्मत और वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं?