“आपका टैक्स गया कहां? टूटी सड़कों और जाम नालियों में उलझी जनता, अफसरों को फुर्सत नहीं!”

Spread the love

राजधानी रायपुर में शनिवार को हुई बारिश पिछले 24 घंटे में 2013 के बाद सबसे ज्यादा बारिश है। शनिवार की रात करीब 12 बजे बारिश शुरू हुई। पूरी रात ताबड़तोड़ पानी गिरा। सुबह साढ़े 8 बजे तक 134.3 मिमी पानी गिर चुका था। यानी साढ़े आठ घंटे में हर घंटे 14.6 मिमी की औसत से पानी गिरा।

कम अवधि में हुई इतनी तेज बारिश के कारण ही शहर में जबर्दस्त जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई। प्रोफेसर कालोनी के सेक्टर-1, 2, 3, 4 और 5 में पानी भर गया। आमतौर पर थोड़ी भी बारिश में जलभराव वाला यह इलाका शनिवार की तेज बारिश से पूरी तरह डूब गया। यहां रहने वाले लोगों को विरोध जताने के लिए नेशनल हाईवे में चक्का जाम करना पड़ा।

दलदल सिवनी इलाके से गुजरने वाला जब्बार नाला भी उफान पर आ गया। साइंस सिटी और ऑक्सीजोन के पीछे कालोनियां की पहुंच रोड इस नाले की वजह से बंद हो गई। यहां एक कार तेज पानी के बहाव में नाले में डूब गई।

भैया तालाब उफान पर… जान खतरे में डालकर बच्चे खेलते रहे, माता-पिता फोटो-वीडियो बनाने में व्यस्त

घर में पानी, खाट पर शव कुशालपुर में जलभराव के कारण एक बुजुर्ग महिला के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया रुकी रही। यहां परिवार में बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। उनके घर में करीब दो फीट तक पानी भरा रहा। परिवार के लोगों ने शव को दूसरे एक घर में रखा और उसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई।

एनएच-53 में प्रोफेसर कॉलोनी के लोगों ने किया चक्का जाम, 4 घंटे तक सब परेशान

चक्काजाम के दौरान एंबुलेंस फंसी

सिमगा निवासी ओमप्रकाश तंबोली को पैरालिसिस अटैक आया था। उन्हें एंबुलेंस से रायपुर के एक निजी अस्पताल लाया जा रहा था। एनएच पर जाम की वजह से उनकी एंबुलेंस फंस गई। करीब घंटेभर तक एंबुलेंस नहीं निकल पाई। लोगों ने भी गाड़ी वाले को रास्ता नहीं​ दिया।

मस्कट जाना था, कार फंसी तो टैक्सी ली

भिलाई के शकील अहमद और उनका पूरा परिवार मस्कट जा रहे थे। वे सभी अपनी इनोवा गाड़ी से एयरपोर्ट जा रहे थे। उनकी गाड़ी भी जाम में फंस गई। काफी देर तक वे जाम के खत्म होने का इंतजार करते रहे, लेकिन जब लोग नहीं हटे तो वे अपनी गाड़ी छोड़कर टैक्सी से एयरपोर्ट के लिए निकले।

दिनभर घूमती रहीं महापौर तेज बारिश के कारण शहर में जलभराव की स्थिति देखने के लिए महापौर मीनल चौबे और निगम कमिश्नर विश्वदीप प्रोफेसर कालोनी और कुशालपुर पहुंचे। पानी में उतरकर वे एक-एक घर पहुंचे। लोगों से बात की। उन्होंने बताया कि जल्द ही एक एक्सपर्ट आर्किटेक्ट्स की एक टीम बनाई जाएगी।

एक्सपर्ट व्यू – एसवी पडेगांवकर, रिटायर एग्जिक्यूटिव इंजीनियर लोक निर्माण विभाग

नालियां वी शेप में बने, सड़क के बीच वाले हिस्से को 5 एमएम उठाना चाहिए शहर में कोई भी सड़क बनाने से पहले कोई प्लान नहीं बनाया जाता है। इस वजह से बारिश का पानी सड़क पर जमा होता है। इस समस्या को खत्म करने सड़क के बीच के हिस्से को 4 एमएम के करीब उठाना चाहिए। इससे सड़क से पानी सीधे नालियों में चला जाएगा। सड़क भी खराब नहीं होगी। नालों से अतिक्रमण हटाने हर साल गंभीरता से काम होना चाहिए। अभी निगम वाले नालियों का निर्माण यू सेफ में करते हैं।

बारिश का पानी निकालने के लिए स्टॉर्म वॉटर ड्रेन (बरसाती नाले) बने हैं। इनमें कभी भी मिट्टी और कचरा भर जाता है। निगम वाले नाले हो या नालियां उसकी सफाई नहीं करते। इस वजह से नाले का पानी सड़क पर आ जाता है। इसलिए शहर की सभी नालियों को वी शेफ में बनाना चाहिए। नालियों को हर हाल में कवर्ड भी करना चाहिए।

पानी निकासी के लिए कंटूर प्लान बनाना चाहिए कि नाली से निकलने वाला पानी कहां छोड़ना है। इसी हिसाब से ही नाली बनाना चाहिए। कंक्रीट निर्माण बढ़ने की वजह से जमीन पानी नहीं सोख पा रही है। शहरों से जल निकासी का एक ही उपाय है कि ड्रेनेज लाइन से पानी को इकट्ठा कर नदियों में छोड़ा जाए। हमारे यहां ड्रेनेज दशकों पुराने हैं। इसमें भी 60 से 70 प्रतिशत ड्रेनेज सिस्टम ब्लॉक हैं। इसलिए जब बारिश होती है तो पानी की निकासी न होने से बैक वॉटर के तौर पर वापस घरों में घुसता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *