विधानसभा सफायर ग्रीन कॉलोनी की सोनिया हंसपाल से हुए 2.83 करोड़ की ठगी मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के दौरान इन लोगों ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पूछताछ में जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार सोनिया को दिल्ली पुलिस के नाम से दुबई से वाट्सएप पर वीडियो कॉल आया था। उन्हें 50 दिनों तक अलग-अलग नंबर से कॉल किया गया। उनसे पैसा जमा कराया गया। वह पैसा केरल, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, चंडीगढ़ और दिल्ली के खाते में जमा हुआ। वहां से पैसा यूपी के एक खाते में गया है।
फिर पैसे को यूएस डॉलर में एक्सचेंज कराकर कंबोडिया भेज दिया गया। वहां अलग-अलग फर्जी कंपनियों के माध्यम से पैसा वापस भारत आया। इस तरह ठगी की अवैध कमाई वैध हो रही है। उसे फिर ठग कारोबार में लगा रहे हैं। डीएसपी क्राइम संजय सिंह ने बताया कि यूपी देवरिया निवासी आनंद सिंह बीए की पढ़ाई किया है। वह हार्डवेयर दुकान के साथ पंजाब नेशनल बैंक का ग्राहक सेवा केंद्र चलाता है। इसके पहले वह एक सेंटर में काम करता था, जो लोगों का पासपोर्ट और वीजा बनाता था। फिर खुद भी वहीं काम करने लगा और लोगों को विदेश भेजने लगा।
इसी दौरान वह कुछ ठगी करने वाले गिरोह के संपर्क में आया। फिर खुद का गिरोह बना लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ठगी करने के लिए आनंद ने 15 से ज्यादा लोगों को दुबई भेजा है। उन्हें हर माह 40-40 हजार रुपए वेतन और रहने-खाने का खर्च देता है। उनका पासपोर्ट, वीजा और एयर टिकट खुद कराया है। आनंद का कनेक्शन कंबोडिया में रहने वाले कुछ लोगों से है, जो साइबर ठगी करते हैं। आनंद ठगी का पैसा एक्सचेंज कर कंबोडिया भेज देता है। फिर अलग-अलग कारोबार के नाम से पैसा वापस भारत आता है। आनंद ने कई फर्जी कंपनियां बनाई है, जो विदेश में सेवा देती है। ऐसा उसने दस्तावेजों में दिखाया है। उसकी के आड़ पर वह ठगी के पैसों को खाते में लेता है।
हर माह दुबई भेजा जा रहा नया सिम कार्ड
गोरखपुर निवासी आकाश साहू सिम कार्ड की व्यवस्था करता है। वह गांव-गांव में निजी टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी बनकर घूमता है। झोपड़ी में रहने वाले या बेघर लोगांे के नाम से वह सिम कार्ड खरीदता है। फिर उसे दुबई भेज देता है। उसी नंबर से लोगांे को कॉल कर झांसा दिया जाता है। आकाश को सिम की व्यवस्था करने के लिए 2 लाख रुपए दिया गया है। नवीन मिश्रा और अनूप मिश्रा दोनों फर्जी कंपनी रजिस्टर कर करंट अकाउंट खोलते हैं। इसी खाते में ठगी का पैसा लिया जाता है। दोनों को इस काम के लिए 90 लाख रुपए मिले हैं। शेर बहादुर, दुबई भेजने के लिए लड़कों की व्यवस्था करता है। वही ठगी का पैसा निकालकर आनंद को देता है। शेर बहादुर को 10 लाख रुपए मिला है।
बैंक के कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध, जो लीक कर रहे नंबर
पुलिस को शक है कि बैंक में काम करने वाला कोई व्यक्ति ठगों से जुड़ा हुआ है। वहीं से लोगों का मोबाइल नंबर लीक हो रहा है। क्योंकि ठग उम्रदराज या सिंगल व्यक्ति को फोन कर रहे हैं, जिनके खाते में बड़ी रकम जमा है। उन्हीं लोगांे को फोन कर झांसा दिया जा रहा है। चुनिंदा लोगों का नंबर और जानकारी कैसे ठगांे तक जा रही है। इसकी जांच की जा रही है।
भारत सरकार की चिट्ठी के बाद कंबोडिया में छापा
देश में होने वाली साइबर ठगी में अधिकांश पैसा कंबोडिया, वियतनाम समेत अन्य देश में जा रहा है। भारत सरकार ने 5 दिन पहले ऐसी कंपनी और लोगों की पहचान कर कंबोडिया की सरकार को चिट्ठी लिखी थी। 4 दिन पहले वहां छापा मारकर साइबर फ्रॉड करने वाले 3075 लोगांे को गिरफ्तार किया है। इसमें भारत के 105 नागरिक हैं। रायपुर पुलिस कंपनियों की जानकारी निकालकर भारत सरकार को कार्रवाई के लिए चिट्ठी लिखेगी।