कब्र से निकाली गई लाश, चर्च में तोड़फोड़: भाई बोला- हत्या कर दफनाया, 3 साल पहले ईसाई धर्म अपनाया था, अब मौत पर बवाल

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एक तरफ भिलाई में धर्मांतरण को लेकर ननों को हिरासत में रखने का मसला गरमाया हुआ था तो दूसरी तरफ कांकेर में चर्च में तोड़फोड़ चल रही थी। यहां ईसाई व्यक्ति के शव को गांव में दफनाने पर सोमवार को बवाल हुआ। 500-1000 की भीड़ ने चर्च में और घरों में तोड़फोड़ की। घरों से बर्तनों और सामानों को निकालकर बाहर फेंक दिए। तोड़फोड़ करने का वीडियो भी सामने आया है। मामला नरहरपुर थाना क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के मुताबिक मृतक का नाम सोमलाल राठौर (40) है, जो जामगांव का निवासी है। बवाल के बीच दफनाए गए शव को SDM और बड़ी संख्या में पुलिस की मौजूदगी के बीच कब्र खोदकर निकाला गया, जिसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। मृतक के बड़े भाई का कहना है कि मारकर गाड़ा गया है। ​​​​

जानिए क्या है बवाल की पूरी कहानी ?

दरअसल, जामगांव निवासी सोमलाल राठौर (40) की 26 जुलाई 2025 को मौत हो गई थी। परिवार वालों ने 27 जुलाई को ईसाई रीति-रिवाज से गांव में अपनी जमीन पर दफन कर अंतिम संस्कार कर दिया। 27 जुलाई को जब ग्रामीणों को पता चला कि ईसाई रीति-रिवाज से शव को गांव में दफनाया गया है, तो विरोध शुरू हो गया।

28 जुलाई को 500-1000 की भीड़ जामगांव में स्थित चर्च पहुंची। चर्च में जमकर तोड़फोड़ की गई। इस दौरान ग्रामीण लाठी-डंडे लेकर पहुंचे थे। कुछ लोग घर की दीवार पर चढ़कर तोड़फोड़ की। चर्च में मौजूद सामानों को बाहर निकालकर फेंक दिया गया। घरों में भी घुसकर तोड़फोड़ की गई।

ग्रामीणों का कहना था कि दफन शव को बाहर निकालकर गांव से दूर दफनाने की मांग को लेकर जमकर बवाल किया। ग्रामीणों का कहना है कि यह गांव की परंपराओं और ‘देव प्रथा’ के खिलाफ है, जिससे गांव की शुद्धता पर असर पड़ेगा।

जामगांव मं बवाल के बीच बड़ी संख्या में पहुंची पुलिस

जामगांव में बवाल के बीच चर्च में तोड़फोड़ और घरों में तोड़फोड़ की सूचना पर बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान पुलिस बल की मौजूदगी में गांव में दफन सोमलाल राठौर की लाश को निकाली गई। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। इस दौरान ईसाई और हिंदुओं में टकराव की स्थिति रही।

बवाल के बीच जामगांव की सरपंच भगवती उइके और घोटियावाही के सरपंच राजेंद्र मरकाम ने बताया कि गांव के बीच में डेडबॉडी को लाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया है। डेडबॉडी दफनाने के बारे में कोई जानकारी भी नहीं दी गई थी। गांव के लोग देव प्रथा के अनुसार चलते हैं। गांव की व्यवस्था बिगड़ जाएगी। उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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