18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़े गए थे युद्ध

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राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने भूतपूर्व सैनिक कल्याण संगठन के साथ मिलकर कारगिल विजय दिवस पर गौरव स्थल, नया बस स्टैंड में श्रद्धांजलि कार्यक्रम किया। देश के वीर जवानों के साहस और बलिदान को नमन किया। कार्यक्रम में सांसद संतोष पांडे, संगठन महामंत्री पवन साय, महापौर मधुसूदन यादव, जिला अध्यक्ष कोमल सिंह राजपूत और कारगिल युद्ध में शामिल जिले के सैनिक मौजूद रहे। कार्यक्रम अधिकारी प्रो. विजय मानिकपुरी ने कहा कारगिल युद्ध भारतीयों की वीरता का प्रतीक है।

लगभग 18 हजार फीट ऊंचाई पर लड़े गए इस युद्ध में जवानों ने मौत का सामना कर विजय हासिल की। प्राचार्य डॉ. रचना पांडेय ने कहा सैनिक हमारे असली हीरो हैं। 1999 की यह विजय बर्फ से ढकी चोटियों पर दुश्मनों की गोलीबारी के बीच मिली थी। महापौर मधुसूदन यादव ने कहा यह दिन केवल स्मरण का नहीं, बलिदान की विरासत को सम्मान देने का संकल्प है। सांसद संतोष पांडे ने कहा, यह युद्ध रेगिस्तान या मैदान में नहीं, नुकीली चोटियों पर लड़ा गया। जहां ऑक्सीजन की कमी थी, तापमान असहनीय था। हर इंच जमीन खून की कीमत पर मिली। यह केवल सैन्य अभियान नहीं, विश्वास और बलिदान की परीक्षा थी।

भूतपूर्व सैनिकों ने युद्ध का अनुभव साझा किया भूतपूर्व सैनिक कल्याण संगठन के अध्यक्ष राजेश शर्मा और जॉन लिविंगस्टोन ने युद्ध के अनुभव साझा किए। बताया, इस युद्ध ने भारत के रक्षा दृष्टिकोण को बदला। अब देश अधिक मजबूत, चुस्त और आत्मनिर्भर रक्षा नीति की ओर बढ़ा है। गौरव स्थल पर जिले के कॉलेज और स्कूलों के छात्र, सामाजिक संगठन, गणमान्य नागरिक, एनसीसी और एनएसएस के विद्यार्थी बड़ी संख्या में शामिल हुए। सबसे पहले शहीदों को पुष्प अर्पित किए गए। भारत माता के जयकारों के साथ हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि दी।

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