CISF ने नवंबर 2024 में इस प्रोजेक्ट मन की शुरुआत की थी। यह प्रोजेक्ट आदित्य बिड़ला एजुकेशन ट्रस्ट ABET के साथ मिलकर चलाया जा रहा है। ट्रस्ट की चेयरपर्सन नीरजा बिडला और सीआईएसएफ महानिदेशक आर एस. भट्टी ने प्रोजेक्ट की प्रगति की समीक्षा की। यह प्रोजेक्ट जवानों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए शुरू किया गया है। इसके तहत एयरपोर्ट, संसद व मेट्रो आदि जगहों पर तैनात जवानों पर खास फोकस किया जा रहा है।
75 हजार को दी मानसिक बीमारियों में मदद
प्रोजेक्ट मन की समीक्षा के तहत बताया गया कि अब तक 75 हजार से ज्यादा जवानों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है। इस पहल के जरिए परामर्श सेवाएं और जरूरत के अनुसार समय पर हस्तक्षेप करके पूरे बल का मनोबल मजबूत किया जा रहा है। सीआईएसएफ महानिदेशक ने एबीईटी की टीम की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने बल के भीतर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता फैलाने, परामर्श देने, जरूरत पड़ने पर इलाज से जुड़ी सहायता देने और जवानों को मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
1726 CISF अधिकारियों को भी दी ट्रेनिंग
आरएस भट्टी ने बताया कि अब तक प्रोजेक्ट मन से 75181 सीआईएसएफ कर्मी और उनके परिवार लाभान्वित हो चुके हैं। साथ ही एबीईटी ने 1726 अधिकारियों और अधीनस्थ अधिकारियों को इस तरह प्रशिक्षित किया है कि वे कम जोखिम वाले मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों की पहचान कर सकें और गंभीर मामलों को विशेषज्ञों तक पहुंचा सकें। इस दो-स्तरीय व्यवस्था से जमीनी स्तर तक मानसिक स्वास्थ्य सहायता को पहुंचना आसान हुआ है।
संवेदनशील जगहों पर तैनात जवानों की काउंसलिंग
संवेदनशील इकाइयों जैसे इन्दिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, संसद और दिल्ली मेट्रो में तैनात लगभग 31 हजार जवानों का मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन किया गया है ताकि किसी भी संभावित मानसिक परेशानी को समय रहते पहचाना जा सके। इस पहल की वजह से अब अवसाद, वैवाहिक तनाव, वित्तीय परेशानी जैसी समस्याओं में समय पर परामर्श और सहायता संभव हो पाई है।
इस वर्ष भी जारी रहेगी मानसिक स्वास्थ्य जांच
सीआईएसएफ महानिदेशक और नीरजा बिड़ला ने इस पहल की सफलता को देखते हुए प्रोजेक्ट मन की सेवाओं को अगले वर्षों के लिए जारी रखने का फैसला लिया है। इस मौके पर सीआईएसएफ महानिदेशक ने कहा कि हमारे कर्मियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य उतना ही जरूरी है जितना कि शारीरिक फिटनेस। यह पहल हमारी आंतरिक सहायता व्यवस्था को मजबूत बनाती है और सुनिश्चित करती है कि हमारे जवान भावनात्मक रूप से मजबूत, एकाग्र और हर स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहे।
तनाव में CISF जवान उठा चुके हैं गलत कदम
12 जनवरी 2017 को बिहार के औरंगाबाद के पास स्थित एनटीपीसी पावर प्रोजेक्ट में CISF जवान ने 4 साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी। वह छुट्टी न मिलने से नाराज था।
4 अप्रैल 2024 को दिल्ली के पश्चिम विहार वेस्ट मेट्रो स्टेशन पर तैनात एक सीआईएसएफ जवान सहारे किशोर ने सर्विस राइफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी।
3 नवंबर 2024 को झारखंड के सिमडेगा विधानसभा चुनाव में तैनात CISF के हेड कांस्टेबल ने खुलेआम तीन जगह फायरिंग की थी। उसे हिरासत में ले लिया गया था।
29 मार्च 2025 को कोलकाता के म्यूजियम में CISF जवान ने अंधाधुंध फायरिंग की। इसमें एक सहायक उप निरीक्षक की मौत हो गई और एक जवान घायल हो गया।