रायपुर – आरंग में नौ वर्ष पूर्व करोड़ों रुपए की रेत रॉयल्टी घोटाले की जांच रिपोर्ट निष्कर्ष आने से पहले चोरी हो गई। फाइल चोरी होने के बाद फाइल वापस हासिल करने कई बार विभागीय जांच की गई। विभागीय जांच बेनतीजा रही। इसके बाद विभागीय अफसरों तथा जिला पंचायत के अफसरों के निर्देश पर लेखापाल ने फाइल चोरी होने की सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। घोटाले से जुड़ी फाइल चोरी होने की जांच अब पुलिस करेगी।
जिला पंचायत में अकाउंटेंट के पद पर पदस्थ राघवेंद्र सिंह ने फाइल चोरी होने की थाने में शिकायत दर्ज कराई है। राघवेंद्र ने पुलिस को बताया है कि वर्ष 2015-16 में करोड़ों की रॉयल्टी का घोटाला हुआ था। आरंग जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ सीपी मनहर तथा पंकज देव पर घोटाले में शामिल होने के आरोप हैं। दोनों अफसरों के खिलाफ घोटाला के आरोप लगने के बाद इसकी विभागीय अफसरों द्वारा जांच कराई गई। अफसरों ने जांच करने के बाद फाइल 21 जून 2016 को जिला पंचायत में जमा की।
सात साल बाद फाइल चोरी होने की रिपोर्ट
रेत रॉयल्टी घोटाले की जांच में क्या तथ्य मिले, इस बात की जानकारी विभागिय अफसरों को मिलने के पूर्व फाइल जमा होने के दो साल तक एक टेबल से दूसरे टेबल तक घूमती रही। वर्ष 2018 में फाइल गायब हो गई। फाइल नहीं मिलने के बाद फाइल संभलाकर रखने वाले जिम्मेदारों को पत्र लिखकर जवाब मांगा गया। साथ ही जिम्मेदार फाइल ढूंढने एक दूसरे पर जिम्मेदारी थोपते रहे। लाख कोशिश के बाद भी फाइल नहीं मिलने पर विभागीय अफसरों के निर्देश पर थाने में फाइल चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई।