रायपुर – प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी को लेकर कवायद प्रारंभ हो गई है। दिल्ली में हुई बैठक में सबसे अहम महामंत्रियों के पदों को लेकर चर्चा हुई है। पिछली कार्यकारिणी में प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय के अलावा चार महामंत्री रखे गए थे, लेकिन इस बार प्रदेश संगठन महामंत्री के अलावा तीन ही महामंत्री रखने का फैसला किया गया है। इनमें एक एससी और एक ओबीसी वर्ग का महामंत्री तो लगभग तय कर दिया गया है। अब एक और महामंत्री पर फैसला बाकी है।
वैसे सामान्य वर्ग से भी दो नाम सामने आ रहे हैं, लेकिन सामान्य वर्ग का अध्यक्ष होने के कारण सामान्य वर्ग से महामंत्री न रखने की बात भी सामने आ रही है। ऐसी स्थिति में एसटी वर्ग से कोई नाम सामने आ सकता है। भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बने किरण देव को करीब सात माह हो गए हैं, लेकिन मंडल और जिलों की कार्यकारिणी के कारण अब तक प्रदेश की कार्यकारिणी नहीं बन सकी है। जिलों की कार्यकारिणी तय होने के बाद प्रदेश की कार्यकारिणी बनेगी। अब इसको लेकर तैयारी प्रारंभ हो गई है।
दिल्ली में बड़ा मंथन
दिल्ली में एक दिन पहले देर रात तक भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष किरण देव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय की भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश के साथ प्रदेश संगठन को लेकर बड़ी बैठक हुई। इसमें मुख्य रूप से प्रदेश संगठन के महामंत्रियों को लेकर मंथन किया गया। जानकारों का कहना है कि एससी वर्ग से पूर्व विधायक नवीन मार्कंडेय और ओबीसी वर्ग से सरगुजा संभाग के अखिलेश सोनी का नाम लगभग फाइनल हो गया है। तीसरा नाम अभी फाइनल नहीं है। वैसे सामान्य वर्ग से भी दो नाम एक दुर्ग और एक बिलासपुर के नेता का लिया जा रहा है। लेकिन जानकारों का साफ कहना है कि सामान्य वर्ग से कोई महामंत्री नहीं बनाया जाएगा, क्योंकि सामान्य वर्ग से ही किरण देव अध्यक्ष हैं। अभी वर्तमान में जो चार महामंत्री हैं, उनमें से एक जगदीश रामू रोहरा धमतरी के महापौर बन गए हैं। एक और महामंत्री संजय श्रीवास्तव नान के अध्यक्ष बनाए गए हैं। इनके अलावा रामजी भारती और भरत वर्मा महामंत्री हैं। इनको उपाध्यक्ष बनाए जाने की संभावना है। ऐसे में तीन नए महामंत्री बनेंगे। इसी के साथ प्रदेश संगठन के उपाध्यक्ष, मंत्री और कोषाध्यक्ष के नामों पर भी मंथन पूरा हो गया है।
मोर्चा अध्यक्षों पर भी चर्चा
प्रदेश कार्यकारिणी के साथ ही सात मोर्चा के अध्यक्ष भी घोषित किए जाते हैं। इन मोर्चा में सबसे अहम भाजयुमो, महिला और किसान मोर्चा है। भाजयुमो की अहमियत सबसे ज्यादा रहती है। इस मोर्चा के लिए आधा दर्जन नामों पर मंथन किया गया है, लेकिन अभी किसी का नाम फाइनल नहीं है। अन्य मोर्चा के भी संभावित नामों पर चर्चा की गई है।