रायपुर – छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट की डबल बेंच ने हाईकोर्ट जाने की सलाह देते हुए सुनवाई से इंकार कर दिया। वहीं चैतन्य बघेल की रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जहां कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। जिसमें CBI और ED की जांच की शक्तियों और उसके अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट जाने की सलाह देते हुए सुनवाई से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा यदि ईडी की कार्रवाई और पीएमएलए कानून की वैधानिकता को चुनौती देना चाहते हैं तो अलग से याचिका दायर करें। इस मामले में अलगी 6 अगस्त को होगी। SC ने छत्तीसगढ़ HC से याचिका पर जल्द कार्रवाई करने को कहा है। इन दोनों की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच में हुई।
डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने उठाए सवाल
चोर के दाढ़ी में तिनका कवाहवत हो रही चरितार्थ- मंत्री जायसवाल
इस मामले को लेकर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि, चोर के दाढ़ी में तिनका कवाहवत चरितार्थ भी होता है। जब गड़बड़ नहीं किए हैं तो क्यों सुप्रीम कोर्ट भाग रहे हैं? जांच एजेंसियां का सामना करना चाहिए, जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं। कार्यवाही सबूतों के आधार पर हुई है। कवासी लखमा का मामला हो या अधिकारियों का। साय सरकार सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी सरकार उस दिशा में लगातार काम कर रही है।