नई दिल्ली – देश की राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आज़ादी के अमृतकाल में एक नए भारत की प्रशासनिक नींव रखी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार, 6 अगस्त को कर्तव्य भवन-03 का उद्घाटन किया, जो सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनने वाले कॉमन सेंट्रल सेक्रेटरिएट (CSS) के 10 भवनों में से पहला है।
प्रधानमंत्री ने इस अत्याधुनिक भवन को “न्यू इंडिया के गवर्नेंस का आधुनिक प्रतीक” करार दिया और कहा कि यह सरकारी कामकाज में दक्षता, पारदर्शिता और समन्वय को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा।
कर्तव्य भवन-03 की विशेषताएं:
यह भवन 1.5 लाख वर्ग मीटर में फैला हुआ है और इसे पूरी तरह हरित और ऊर्जा-संवेदनशील संरचना के तौर पर डिज़ाइन किया गया है। इसकी कुछ प्रमुख सुविधाएँ हैं:
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✅ 600 से अधिक कारों की अंडरग्राउंड पार्किंग
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✅ क्रेच, जिससे कामकाजी महिलाओं को सहयोग मिलेगा
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✅ योग कक्ष और चिकित्सा कक्ष, जिससे कर्मचारियों का स्वास्थ्य बेहतर रहेगा
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✅ कैफे और हाईटेक किचन, जहाँ कर्मचारियों और आगंतुकों के लिए सुविधाजनक भोजन व्यवस्था होगी
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✅ 24 अत्याधुनिक कॉन्फ्रेंस रूम, जिनमें से प्रत्येक में 45 व्यक्तियों की बैठक क्षमता है
पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता
कर्तव्य भवन-03 को पर्यावरण के प्रति अत्यधिक संवेदनशील दृष्टिकोण से डिज़ाइन किया गया है। इसके निर्माण में निम्नलिखित हरित तकनीकों का इस्तेमाल हुआ है:
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रूफटॉप सोलर पैनल: भवन की ऊर्जा आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा सौर ऊर्जा से पूरा किया जाएगा।
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वर्षा जल संचयन प्रणाली: दिल्ली की जल संकट को देखते हुए यह एक दूरदर्शी कदम है।
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♻️ सोलर वॉटर हीटिंग सिस्टम और आधुनिक HVAC (हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग)
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भवन को GRIHA-4 रेटिंग प्राप्त करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है, जो भारत में ग्रीन बिल्डिंग की एक सर्वोच्च मान्यता है।
यह मंत्रालय होंगे स्थानांतरित:
कर्तव्य भवन-03 में निम्न मंत्रालय और सरकारी विभाग अब स्थायी रूप से कार्य करेंगे:
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गृह मंत्रालय
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विदेश मंत्रालय
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ग्रामीण विकास मंत्रालय
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एमएसएमई मंत्रालय
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कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT)
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पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय
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प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय (PSA)
इस स्थानांतरण से मंत्रालयों के बीच फिजिकल दूरी कम होगी और इंटर-डिपार्टमेंटल समन्वय में तीव्रता आएगी।
सेंट्रल विस्टा परियोजना का आगे का रोडमैप:
कर्तव्य भवन-03 तो केवल एक शुरुआत है। अगले कुछ महीनों और वर्षों में भारत के प्रशासनिक चेहरे को पूरी तरह नया स्वरूप मिलने जा रहा है:
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कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 का निर्माण अगले महीने तक पूरा हो जाएगा।
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बाकी 7 भवन अगले 22 महीनों में तैयार किए जाएंगे।
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परियोजना के तहत नया प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO), इंडिया हाउस, कैबिनेट सचिवालय, और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) भी निर्मित किए जा रहे हैं।
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दूसरे चरण में प्रधानमंत्री आवास (PMR) का निर्माण भी प्रस्तावित है।
क्यों महत्वपूर्ण है यह परियोजना?
भारतीय प्रशासनिक व्यवस्था लंबे समय से बिखरी हुई है—विभिन्न मंत्रालय अलग-अलग भवनों में स्थित हैं, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती है। सेंट्रल विस्टा परियोजना का उद्देश्य इन्हें एक केंद्रीकृत, तकनीक-सक्षम, और ऊर्जा-कुशल परिसर में लाना है। इससे:
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सरकारी कार्यों में तेजी आएगी
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मंत्रालयों के बीच समन्वय बेहतर होगा
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फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर अत्याधुनिक और टिकाऊ बनेगा
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दिल्ली के केंद्र का स्वरूप और कार्यप्रणाली भविष्य के अनुरूप होगी
प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण:
कर्तव्य भवन-03 का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा:
“यह भवन केवल ईंट-पत्थर की इमारत नहीं, बल्कि न्यू इंडिया के मजबूत प्रशासन की नींव है। यह पारदर्शिता, दक्षता और तकनीकी कुशलता का प्रतीक है।“
उन्होंने आगे यह भी जोड़ा कि यह कदम भारत के 2047 के विजन की ओर एक ठोस पहल है, जहाँ शासन की गति और गुणवत्ता, दोनों सर्वोत्तम हों।