रायपुर, 07 अगस्त 2025 |
सूचना और जनसंपर्क के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ राज्य ने देशभर में एक नई मिसाल कायम की है। इसकी झलक उस समय देखने को मिली जब महाराष्ट्र शासन के वरिष्ठ अधिकारियों का एक अध्ययन दल छत्तीसगढ़ के तीन दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुँचा।
इस दल का उद्देश्य छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शासकीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार में अपनाए गए आधुनिक तकनीकी नवाचारों और प्रभावी कार्यप्रणाली का प्रत्यक्ष अध्ययन करना था।
महाराष्ट्र की टीम ने किया “छत्तीसगढ़ मॉडल” का अध्ययन
दिनांक 5 से 7 अगस्त तक चले इस भ्रमण में महाराष्ट्र शासन के जनसंपर्क विभाग की उप सचिव श्रीमती समृद्धि अंगोलकर, निदेशक श्री किशोर गंगरडे समेत कुल छह वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।
उन्होंने छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग और इसकी प्रमुख संस्था ‘छत्तीसगढ़ संवाद’ की समूची कार्यप्रणाली का सूक्ष्म अध्ययन किया।
ई-गवर्नेंस के प्रभावशाली मॉड्यूल ने खींचा ध्यान
भ्रमण के दौरान दल ने ई-न्यूज़ क्लिपिंग, ई-आरओ सिस्टम, ई-पब्लिकेशन, पत्रकार अधिमान्यता प्रणाली और पत्रकार कल्याण योजनाओं का विस्तार से अवलोकन किया।
इसके अतिरिक्त ‘छत्तीसगढ़ संवाद’ की संगठनात्मक संरचना, तकनीकी संचालन प्रणाली और नवाचारों को भी गहराई से जाना।
डॉ. रवि मित्तल से हुई सौजन्य भेंट, साझा किए अनुभव
अध्ययन दल ने जनसंपर्क विभाग के आयुक्त डॉ. रवि मित्तल से शिष्टाचार भेंट की।
इस अवसर पर डॉ. मित्तल ने कहा —
“छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग का सतत प्रयास है कि शासन की योजनाएं आमजन तक पारदर्शी, त्वरित और प्रभावी रूप में पहुंचे। तकनीक और मानवीय दृष्टिकोण का संतुलन ही हमारी विशिष्टता है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि अन्य राज्य हमारी कार्यप्रणाली से प्रेरणा ले रहे हैं।”
इंद्रावती भवन का दौरा और विभागीय कार्यों का प्रत्यक्ष अवलोकन
अध्ययन दल ने रायपुर स्थित इंद्रावती भवन के जनसंपर्क संचालनालय और ‘छत्तीसगढ़ संवाद’ के विभिन्न कार्यालयों का दौरा किया।
यहां उन्होंने विभाग की प्रमुख शाखाओं की कार्यशैली और तकनीकी प्रक्रियाओं को करीब से समझा।
विभागीय अधिकारियों ने दी विस्तृत जानकारी
अपर संचालक श्री जे.एल. दरियो, श्री उमेश मिश्रा, और श्री संजीव तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अध्ययन दल को विभागीय योजनाओं, तकनीकी अनुप्रयोगों और प्रचार-प्रसार के नवीन तरीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
महाराष्ट्र अधिकारियों ने की खुले दिल से सराहना
महाराष्ट्र के अधिकारियों ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सूचना और जनसंपर्क के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों को रोल मॉडल के रूप में स्वीकार किया।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि –
“यह अनुभव अत्यंत प्रेरणादायक है। हम इन नवाचारों को महाराष्ट्र में भी लागू करने की संभावनाओं पर गंभीरतापूर्वक विचार करेंगे।”
नवाचार, पारदर्शिता और जनहित – यही है ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ की पहचान
छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग की यह पहल न केवल तकनीकी दृष्टि से उन्नत है, बल्कि इसका मूल उद्देश्य जनहित में सूचना का प्रभावी, पारदर्शी और संवेदनशील संप्रेषण है।
‘छत्तीसगढ़ संवाद’ और सूचना विभाग की यह कार्यप्रणाली अब अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श और अनुकरणीय मॉडल के रूप में उभर रही है।